November 21, 2024

सरकार के लाख प्रयास के बाद आखिरकार अमेठी में फ्लाप ही रहा सुपोषण स्वास्थ्य मेला

0

प्रचार – प्रसार के अभाव में मेले में नहीं दिखी भीड़ , जिम्मेदारों की लापरवाही उजागर,आखिर कैसे कुपोषण से होगा सुपोषण।

●स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग को मिली थी यह जिम्मेदारी ?

[माधव बाजपेई की रिपोर्ट]

शुकुल बाजार(अमेठी) ! प्रदेश सरकार भले ही सबका साथ सबका विकास व सबको स्वस्थ रखने के लिए लाख प्रयास कर रही हो परंतु जिम्मेदार लोगों की लापरवाही के चलते सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच पा रही हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज उस समय देखने को मिला जब मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सुपोषण स्वास्थ्य मेला विकास खंड शुकुल बाजार में अमलीजामा नहीं पहन सका और जागरूकता व विभागीय लापरवाही के चलते फ्लाप दिखा, सुपोषण स्वास्थ्य मेले के संबंध में न तो क्षेत्रीय लोगों को जानकारी थी और न ही इसके लिए कोई प्रचार प्रसार कराया गया था बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार उत्तर प्रदेश सरकार के पत्र संख्या सी 50/ अनुश्रवण /2018 -19 दिनांक 19 अगस्त 2018 को निदेशक शत्रुघ्न सिंह ने समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देशित करते हुए सुपोषण स्वास्थ्य मेले को विधिवत संपन्न कराने के लिए निर्देशित किया था जिसमें 25 अगस्त 2018 को एक साथ सभी जनपद मुख्यालयों, ब्लॉक मुख्यालय एवं विकासखंड के अंतर्गत आने वाले समस्त उप केंद्रों पर एक साथ सुपोषण स्वास्थ्य मेला लगाने के निर्देश दिए गए थे , जिसमें स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार व पंचायती राज विभाग को जिम्मेदारी दी गई थी जिसमें विभागवार अपने अपने स्टॉल लगाते हुए आमजन को जागरुक करते हुए सेवाएं प्रदान करनी थी परंतु जिम्मेदार लोगों की खाऊं ,कमाऊ नीति के चलते सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर उस समय पानी फिर गया जब शुकुलबाजार विकासखंड में सुपोषण स्वास्थ्य मेला मात्र औपचारिक बनकर रह गया,जानकारी के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आयोजित किए जाने वाले इस सुपोषण स्वास्थ्य मेले में जन जागरूकता हेतु होर्डिंग, बैनर ,माइक और नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाना था परंतु यह सब दूर दूर तक नहीं दिखाई पड़े ,इतना ही नहीं पंचायती राज विभाग द्वारा न तो कोई जागरूकता बैनर लगाया गया था और न ही उसका कोई भी कर्मचारी स्वास्थ्य केंद्र से लेकर उपकेंद्र तक दिखाई पड़ा। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी मातृ व शिशु टीकाकरण कराते हुए कार्यक्रम की इतिश्री करवा दी गई ,इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुकुल बाजार का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो भी निर्देश प्राप्त हुए थे उसके अनुरूप टीकाकरण एवं अन्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई परंतु अन्य विभागों के संबंध में उन्हें कोई भी जानकारी नहीं मिली है लोग अपने-अपने स्तर से कार्यक्रम को संपन्न करा रहे हैं।

[आधी अधूरी तैयारी के साथ शुरू हुआ सुपोषण स्वास्थ्य मेला]

कार्यक्रम की मुख्य भूमिका निभा रहे बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां टीकाकरण स्थल तक गई परंतु अधिकांश के पास न तो वजन मशीन थी और न ही बच्चों की लंबाई नापने की कोई व्यवस्था की जिसके चलते सुपोषण स्वास्थ्य मेला बेअसर रहा । सरकार ने जहां सब के स्वास्थ्य के लिए लाखों रुपए ब्यय कर इस कार्यक्रम का प्रावधान रखा परंतु जिम्मेदार लोगों की उदासीनता के चलते पूरा अभियान फ्लॉप दिखाई दिया कई स्थानों पर ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर समयानुसार वैक्सीन भी नहीं पहुंच सकी जिसको लेकर भी विभाग की उदासीनता सामने देखने को मिली इसका प्रत्यक्ष बरसंडा में देर से पहुंची वैक्सीन बयां कर रहा है ,क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यदि इस कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार बेहतर ढंग से करवाते हुए ग्राम प्रधानों तक अगर इसकी सूचना दी गई होती तो वास्तव में इस मेले का लाभ जनता को मिल सकता था । लोगों ने जिलाधिकारी महोदय अमेठी से इस पूरे प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !! © KKC News

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading