फैजाबाद डीएम ने दिखाई मानवता,राजमार्ग के किनारे घायलावस्था में पड़ी लावारिस वृद्धा का पहले करवाया उपचार फिर मौत के बाद उसका बेटा बन किया अंतिम संस्कार
फैजाबाद ! इस संसार मे माँ बाप की सेवा से बढ़कर कुछ भी नही है।लेकिन आज के बदलते सामजिक परिवेश में अक्सर देखा जाता है कि बूढ़े माँ बाप बच्चों पर बोझ की तरह लगने लगते हैं।बचपन में जिनकी उँगलियां पकड़कर लड़के चलना सीखते हैं बुढापे में उन्ही सहारा बनने की बजाय अपने ही माँ बाप को ठोकरें खाने को मजबूर कर देते हैं।लेकिन फैज़ाबाद के जिलाधिकारी डॉ अनिल कुमार पाठक ने एक ऐसी मिसाल कायम की है जो न सिर्फ इंसानियत की एक बेहद मार्मिक नजीर पेश की है बल्कि यह भी दिखलाया है कि सिर्फ खून के रिश्ते ही सब कुछ नहीं होते।अगर इंसान किसी को अपना समझ ले तो इंसानियत के रिश्ते से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता।जिलाधिकारी फैजाबाद ने सड़क दुर्घटना में घायल लावारिस वृद्ध महिला का न सिर्फ खुद अपनी गाड़ी से लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया बल्कि उसका पूरा इलाज भी करवाया।करीब 15 दिन तक चले इलाज के बाद जब उस महिला का निधन हो गया तो पूरे विधि-विधान से एक बेटे का फर्ज निभाते हुए उस लावारिस वृद्ध महिला के शव को मुखाग्नि भी दी।यह दृश्य देखकर अंतिम संस्कार स्थल पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गई और हर किसी ने ऐसे कर्तव्यपरायण और मानवीय दृष्टिकोण को सर्वोपरि मानकर चलने वाले आईएएस अधिकारी की सराहना की।
घायल वृद्ध महिला को खुद डीएम ने सड़क के किनारे से उठाकर अस्पताल में कराया था भर्ती।
फैजाबाद लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-28 पर करीब 15 दिन पहले गोड़वा गांव समीप एक लावारिस वृद्ध महिला जख्मी हालत में सड़क के किनारे पड़ी हुई थी।अचानक उधर से गुजरते हुए जिलाधिकारी फैजाबाद की नजर जब इस महिला पर पड़ी तो इन्होंने तुरंत गाड़ी रोककर उस वृद्ध महिला को अपने वाहन से जिला अस्पताल इलाज के लिए पहुंचाया।एक ज़िम्मेदार अधिकारी का फर्ज निभाते हुए खुद खड़े होकर उस महिला का इलाज कराया।इतना ही नहीं जब डॉक्टरों ने बताया कि महिला का जबड़ा दुर्घटना में टूट गया है जिसका इलाज फैजाबाद में संभव नहीं है तो डीएम फैजाबाद अनिल कुमार पाठक ने लखनऊ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की टीम से संपर्क साधकर एक विशेषज्ञ डॉक्टर को फैज़ाबाद बुलाकर वृद्ध महिला का ऑपरेशन कराया।फिर तो मानो उस वृद्ध महिला से एक रिश्ता सा बन गया।अम्मा कहकर संबोधित करने वाले डीएम साहब रोजाना उस बूढ़ी महिला का हाल-चाल लेते और ये काम उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया।एक बेटे की तरह उन्होंने उस वृद्ध महिला का ध्यान रखा।
और जब दुनिया से विदा होने की मिली सूचना तो डीएम की आंखों से छलक पड़े आंसू।
लगभग 15 दिन चले इलाज के बाद नियति को कुछ और ही मंजूर था और सोमवार की शाम महिला का इलाज के दौरान निधन हो गया।जिसकी सूचना जब डीएम को मिली तो उनके आंखों ने आंसू छलक पड़े।वो तत्काल मौके पर पहुंचे।सरकारी प्रक्रिया के तहत 24 घंटे तक मृत महिला के परिजनों का इंतजार करने के बाद मंगलवार की अपराहन जिलाधिकारी फैजाबाद डॉ अनिल कुमार पाठक ने स्वयं जमथरा घाट शमशान स्थल पर पहुंच कर नम आंखों से वृद्ध महिला के शव को अंतिम विदाई दी और पूरे विधि-विधान से उस लावारिस वृद्ध महिला की चिता को मुखाग्नि दी जिससे वह महज 15 दिन पहले मिले थे।बेहद गमगीन माहौल में वृद्ध महिला के शव का अंतिम संस्कार तो हो गया।लेकिन जिलाधिकारी फैजाबाद डॉ अनिल कुमार पाठक कि इस मानवीय पहल उन तमाम अधिकारियों के लिए एक नजीर कायम कर दी जो अपने ओहदे और अपने रसूख के आगे आम जनता को कुछ नहीं समझते।
डीएम के कार्यों की चंहु ओर हो रही सराहना।
फैजाबाद डीएम डा0 अनिल पाठक अपने कार्यो को लेकर अक्सर चर्चा में रहते है।लेकिन डीएम द्वारा किये गए इस कार्य को लेकर सभी दल के नेता व सभी विभाग के अधिकारी सहित जनसेवी समाजसेवी के साथ साथ आस पास जिले की जनता शोशल मीडिया पर जमकर सराहना कर रहे है।मवई ब्लॉक प्रमुख राजीव तिवारी ने कहा वास्तव में फैजाबाद जिलाधिकारी का कार्य बहुत ही उत्तम है।सपा जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव ने भी जिलाधिकारी के कार्यो की प्रशंसा करते हुए आभार प्रकट किया।