हैरत है कि अटल की गलत जन्मतिथि पढ़ा रहा बेसिक शिक्षा विभाग,कक्षा छह में हिंदी की पाठ्य पुस्तक मंजरी में गलत लिखी गई अटल की जन्मतिथि
प्रहलाद तिवारी-ब्यूरो रिपोर्ट
फैजाबाद ! बेसिक शिक्षा विभाग को अटल जी की जन्मतिथि भी नहीं पता है। एक माह पूर्व अटल जी की मौत पर शिक्षण संस्थानों से लेकर सदनों तक व शहर के नुक्कड़ चौराहों से लेकर गांव की गलियों तक उन पर तमाम चर्चाएं हुई, फिर भी बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार नहीं चेते। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि बेसिक शिक्षा विभाग छात्रों को गलत पढ़ा रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा परिषदीय विद्यालयों में वितरित की जाने वाली निःशुल्क पाठ्य पुस्तक कक्षा 6 की हिंदी (मंजरी) में पाठ 21 पर अटल जी की कविता आओ फिर से दिया जलाएं पढ़ाई जाती है।
इस पाठ के नीचे कवि परिचय में उनकी जन्मतिथि 2 दिसंबर 1924 लिखी हुई। जबकि उनकी जन्मतिथि 25 दिसंबर 1924 है। शिक्षकों व बच्चों में अटल के बारे में भ्रम पैदा हो रहा है।उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद पूरे प्रदेश में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली किताबों का मुद्रण कराके नि:शुल्क वितरित करती है। किताबों के मुद्रण के लिए बाकायदा पाठ्य पुस्तक विभाग, शिक्षा निदेशालय बेसिक है। सभी विषयों की एक विशेषज्ञ टीम पाठ्यक्रम से लेकर पाठ्य सामग्री का निर्धारण करती है। उसके बाद विषय विशेषज्ञ से पाठ्य सामग्री संकलित करती है। विषय विशेषज्ञ पाठ्य सामग्री का अध्ययन करके उसे पाठ में शामिल करते हैं। पाठ्य सामग्री में कोई गलती न हो इसलिए यह प्रक्रिया कई चरणों में होती है। उसके बाद किताब मुद्रित करके बच्चों में वितरित की जाती हैं। इतना सब कुछ होने के बावजूद किताबों में इतनी बड़ी गलती सामने आ रही है। पायनिर प्रिंटर्स मुद्रक महल आगरा से प्रकाशित इस किताब की 2 लाख 15 हजार 183 प्रतियां छपी है।
शिक्षक और छात्र हो रहे भ्रमित:
किताब में लिखी हुई एक-एक शब्द को सही माना जाता है। लोग उस पर आंख मूंद कर विश्वास करते हैं। छठवीं की हिंदी किताब में अटल बिहारी बाजपेयी की जन्मतिथि दो दिसंबर बताए जाने से भ्रम की स्थित पैदा हो गई है। शिक्षक धर्मवीर सिंह बताते हैं कि यह बड़ी गलती है। उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया। कुछ बच्चे यही जन्मतिथि याद कर रहे है।
यह गंभीर प्रकरण है। बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचित किया गया है। – डॉ. अनिल पाठक, डीएम फैजाबाद
जागरूक नागरिकों के माध्यम से प्रकरण संज्ञान में आया। मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री व बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को पैर लिखकर त्रुटि सुधारने का अनुरोध किया गया है। – रामचंद्र यादव विधायक