डेंगू के डंक का बनारस में कहर,अब तक 81 मरीज मिले डेंगू के
वाराणसी। जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 80 के पार पहुंच चुकी है। इसमें एक महीने में ही 60 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। जांच में मानक की अनदेखी पर जिला अस्पताल में फिलहाल जांच बंद कर दी गई है, लेकिन बीएचयू में भी तीन दिनों के अंदर की गई डेंगू जांच में 10 मरीजों में इसकी पुष्टि हुई है। इसमें लगभग दो दर्जन मरीज धौरहरा और पांडेयपुर क्षेत्र के हैं। डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। बुखार के मरीजों की स्थिति यह है कि बुधवार को जिला अस्पताल के मेडिसिन और डेंगू वार्ड के सभी बेड फुल हो गये। भर्ती होने वाले मरीजों में बुखार के 75 प्रतिशत मरीज थे।
[डेंगू साथ इनसे भी रहें सावधान]
बरसात के बाद मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बिमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं तो दूसरी ओर बैक्टीरिया और दूषित पानी व खाने से उल्टी-दस्त, पेट दर्द के मरीजों की तादाद भी तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टर बदले मौसम में खानपान व साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है ऐसे मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की सेहत पर खास ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि ऐसी स्थिति में दवाओं का असर भी देरी में होता है।
[बच्चों पर दें विशेष ध्यान]
संक्रामक रोग नियंत्रण प्रकोष्ठ के डॉ. पीयूष राय का कहना है कि डायरिया से बचने के लिए घर व आस-पास की सफाई के साथ ही शारीरिक सफाई पर भी ध्यान दें। कुछ भी खाने-पीने से पहले हाथों को अच्छी तरह धुल लें। बासी भोजन से परहेज करें और शुद्ध अथवा उबला हुआ पानी ही पीएं। डॉ. राय ने बताया कि पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की होने वाली मौतों में 10 फीसदी बच्चों की मृत्यु दस्त (डायरिया) के कारण होती है। इसलिए उनपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
[ऐसे करें बचाव]
घर के आस-पास सफाई का खास ख्याल रखें। पानी न जमा होने दें। शरीर को ढ़ककर रखें। मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। जलजमाव वाले क्षेत्रों में कीटनाशक, केरोसिन तेल या जला हुआ मोबिल डालें। पानी की टंकी एवं पानी जमा करने वाले सभी बर्तनों को ढक कर रखें। हफ्ते में एक दिन फ्रिज, कूलर व गमलों का पानी जरूर बदल दें।