सुल्तानपुर जिले के बाद बाराबंकी में डेंगू ने ली एक और युवक की जान
चौपाल(यूपी) ! डेंगू के डंक का कहर शुरू हो गया।अभी दो दिन पूर्व सुल्तानपुर जिले में डेंगू ने एक पूर्व प्रधान पति की जान ली।उसके बाद बाराबंकी में भी डेंगू ने एक युवक को असमय काल के गाल में समा दिया।
जानकारी के मुताविक सुल्तानपुर जिले के भदैया विकास खंड क्षेत्र में स्थित गोमती नदी के किनारे कुछमुछ गांव निवासी पूर्व प्रधान पति की डेंगू बुखार से मौत हो गई।इसकी जानकारी होने पर गांव मे दहशत का माहौल है।सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र अन्तर्गत कुछमुछ गांव निवासी रामकरन निषाद 40 वर्ष कुछ दिनो पहले मुंबई गये हुए थे।जहां उन्हें बुखार की शुरुआत हुई तो वहां इलाज शुरू हुआ लेकिन हालत मे सुधार न होने पर वह मुंबई से गांव लौट आये।जिसके बाद परिजन उन्हें इलाज के लिए शहर के निजी चिकित्सक के पास गयें।जहां चिकित्सक ने जांच की सलाह दी।खून की जांच में डेंगू के लक्षण पाये गये। चिकित्सक के दो दिन इलाज के बाद हालत में सुधार नहीं होने पर हास्पिपटल में भर्ती कराया। जहां शुक्रवार की देर रात्रि उनकी मौत हो गयी।इसके बाद दूसरी घटना जनपद बाराबंकी शहर के मोहल्ला हड्डीगंज की है।इस मोहल्ले के निवासी रामप्रसाद के 24 वर्षीय पुत्र आशीष कुमार को 3 दिन पहले तेज बुखार आया।परिजनों ने इसे मामूली बुखार समझा और इधर-उधर दवा ली मगर बुखार कम नहीं हुआ। लोगों ने जांच कराने की बात कही तो 2 दिन पहले रामप्रसाद अपने पुत्र आशीष कुमार को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा।जांच में आशीष कुमार में जहां खून की कमी पाई गई। वहीं उसकी प्लेटनेस 75000 थी।पिता राम प्रसाद के मुताबिक उससे बताया गया कि उसके पुत्र को डेंगू हो गया है।युवक का इलाज चलता रहा मगर रविवार की भोर उसने घर पर ही दम तोड़ दिया।युवक की मौत होते ही परिजनों में कोहराम मच गया।पिता राम प्रसाद समेत सभी परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था।दो पुत्र में सबसे बड़ा आशीष होनहार युवक था और उसके विवाह के लिए तैयारियां चल रही थी।
[सीएमओ बोले- जांच के बाद ही बता सकेंगे]
बाराबंकी ! युवक की मौत के बाद जब इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमेश चंद्र से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि फिलहाल यह घटना उनके संज्ञान में नहीं है। सीमओ ने बताया कि वह टीम भेजकर मामले की जांच कराएंगे। उन्होंने बताया कि परिजनों की खून की जांच भी कराई जाएगी।
[इमरजेंसी में भी दवा मिलना मुश्किल]
बाराबंकी ! बदलते मौसम में जहां लोग बीमार हो रहे हैं वही दवाओं की कमी ने कोढ़ में खाज वाले हालात पैदा कर दिए है।हालत यह है कि जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बुखार पीड़ित कुछ कुछ मिनटों के अंतराल पर पहुंच रहे हैं मगर यहां पेरासिटामोल की गोली तक नहीं। वैसे जिला अस्पताल में बुखार की दवा की कमी पिछले 20 दिन से बनी हुई है क्योंकि कंपनियों ने यह दवा की सप्लाई ही नहीं की। दो-तीन दिन पहले बच्चों के लिए पेरासिटामोल सिरप आया तो कुछ राहत जरूर मिली मगर अब वह भी खत्म होने की कगार पर है।इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर सिंह का कहना है कि कंपनियों को बार-बार रिमांडर भेज रहे हैं ताकि जल्द से जल्द दवा उपलब्ध हो सके।