मुन्ना बजरंगी हत्याकांड मामले में पुलिस ने सिर्फ राठी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल। धनंजय सिंह,पीके सिंह समेत अन्य को राहत
बागपत। जेल की सलाखों के पीछे माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या को तीन माह से अधिक का समय बीत चुका है। सनसनीखेज वारदात के बाद अपराध जगत में खलबली मच गयी थी। सवालों के दायरे में जेल महकमा था। पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर सुनील राठी ने हत्या करना कबूला था। इस बीच पत्नी सीमा सिंह ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह, रिटायर्ड सीओ जीएन सिंह, उनके पुत्र पीके सिंह समेत तमाम लोगों पर संलिप्तता के आरोप लगाते हुए पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था।उनकी पत्नी ने प्रदीप कुमार सिंह उर्फ पी के पर आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रदीप और मुन्ना बजरंगी के बीच पैसों की लेनदेन रहती थी । गैरतलब है कि लोगो का यह भी कहना है कि प्रदीप कुमार सिंह और उनका परिवार मुन्ना बजरंगी के गॉड फादर थे ।
विवेचना पुलिस के लिए चुनौती थी इसलिये सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सौ से अधिक लोगों के बयान लेने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में सुनील राठी को छोड़ किसी का नाम नहीं है। विवेचक खेकड़ा एसओ एसपी सिंह ने स्वीकार किया कि आर्म्स एक्ट के केस की विवेचना पूरी कर छह सितंबर को सुनील राठी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अब राठी के खिलाफ हत्या के केस में भी चार्जशीट अदालत में पेश कर दी जिसमें सुनील राठी के खिलाफ ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई।
खंगाले सभी पहलू लेकिन नहीं मिले साक्ष्य
जेल की तनहाई बैरक में 9 जुलाई की सुबह बजरंगी को छलनी किये जाने के बाद जेलर यूपी सिंह ने सुनील राठी के कबूलनामे पर उसके खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। उसकी निशानदेही पर जेल के सेफ्टी टैंक से पिस्टल, दो मैगजीन और 22 कारतूस मिलने पर एसओ ने अपनी तरफ से आर्म्स एक्ट का मुकदमा कायम किया था। पत्नी के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जेल के अधिकारियों,बंदियो के अलावा दूसरे लोगों के बयान लिये। संख्या भले सौ के पार हो गयी लेकिन संलिप्तता के एक भी साक्ष्य नहीं मिले। राठी से इन लोगों की बातचीत से लेकर वारदात में किसी तरह का सहयोग करने का प्रमाण नहीं मिला। बहरहाल पुलिस अपनी तरफ से विवेचना जारी रखने सरीखे जुमले बोल कर कन्नी काट रही है लेकिन दबी जुबान से कबूल किया कि बगैर प्रमाण सिर्फ आरोपों पर कागजी खानापूर्ति नहीं की जा सकती।
पेशी पर राठी के न पहुंचने से राहत
चार्जशीट दाखिल करते समय सुनील राठी को भी कोर्ट में पेश करना था लेकिन वह तिहाड़ से नहीं आ सका था। राठी की पेशी भी पुलिस के लिए खासी परेशानी का सबब है क्योंकि सौ से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी लगाने पड़ते हैं। बहरहाल पुलिस की चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब कोर्ट में मुकदमा शुरू हो जायेगा।