फैजाबाद का नाम अयोध्या करने से गरमाई सियासत
अयोध्या-:
======मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद जिले के नाम बदलकर अयोध्या कर दिया है। इलाहाबाद के बाद फैजाबाद का नाम बदले जाने पर राजनीति गरमा गई है। अलग-अलग दलों के लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। साथ ही समाज के विभिन्न लोगों की भी मिलीजुली प्रतिक्रिया आई है। लोगों का कहना है कि नाम बदलकर मुख्यमंत्री ने इतिहास को संजोने का काम किया है, तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि नाम की राजनीति में कुछ नहीं रखा, काम करके दिखाना चाहिए।
[भावनाओं से खेल रहे योगी]
पहले इलाहाबाद और अब फैजाबाद का नाम बदलकर मुख्यमंत्री केवल लोगों की भावनाओं से खेलने की कोशिश कर रहे हैं। वे केवल लोगों को भड़काना चाहते हैं। यही उनकी राजनीति है। देश की लिए ये अच्छा नहीं है। बेहतर होता कि नाम बदलने की जगह वे कुछ काम करके दिखाते।
डा. चंद्रपाल सिंह यादव, सांसद
[सीएम का सराहनीय कदम]
मैं इसे मुख्यमंत्री का सराहनीय कदम मानता हूं। हिंदू संस्कृति को स्पष्ट करने के लिए ऐसा किया गया। भगवान श्रीराम का जन्मस्थल हमारा सम्मान है। जिले को अयोध्या नाम देने से आने वाली पीढ़ी को इसके बारे में जानकारी हासिल करने की और उत्सुकता बढ़ेगी। यह जाति धर्म का मामला नहीं है। इसे राजनीतिक रूप नहीं देना चाहिए।
जवाहर लाल राजपूत, विधायक।
[चुनावी फायदा लेने का काम]
भाजपा ऐसा पहले भी कर सकती थी। मगर, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने जा रहे चुनाव में फायदा लेने के लिए ऐसा किया गया। वैसे भी भाजपा के पास कोई मुद्दा तो बचा नहीं, जिसको लेकर वह जनता के बीच जाएं। चूंकि, अयोध्या लोगों की भावनाओं से जुड़ा है, इसलिए धर्म की राजनीति की जा रही है।
कैलाश साहू, पूर्व बसपा विधायक
[नहीं है कोई और काम]
मुख्यमंत्री के पास जिलों के नाम बदलने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं है। ये गलत परंपरा है, जिसका योगी निर्वहन कर रहे हैं। नाम बदलने से कोई विकास या सुधार हो जाएगा? भाजपा हमेशा सस्ती राजनीति करती आई है। ये उसका ही उदाहरण है।
भानू सहाय-प्रदेश महासचिव कांग्रेस
[स्वागतयोग्य है फैसला]
फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या किए जाने को मुख्यमंत्री का फैसला स्वागतयोग्य है। बाहरी आक्रांताओं ने स्थानों के नाम बदले थे। इनका कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं है। अन्य ऐसे स्थानों का भी नाम बदला जाना चाहिए।
डा. एम एम पांडेय, प्राचार्य बिपिन बिहारी महाविद्यालय
[उम्मीद के मुताबिक काम नहीं]
योगी जैसे धार्मिक व्यक्ति के मुख्यमंत्री बनने से सभी धर्मों के लोगों को खुशी हुई थी। लेकिन, सरकार उम्मीद पर खरी नहीं उतरी। किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके काम से होती है। नाम बदलने से कुछ नहीं होता। फैजाबाद पुराना नाम है, लोग उस जिले को उसी नाम से जानते हैं।
मुफ्ती साबिर कासमी
[अयोध्या से ही थी पहचान]
जिले का नाम फैजाबाद जरूर था, परंतु उसकी पहचान अयोध्या से ही थी। ऐसे में मुख्यमंत्री ने नाम बदलकर कोई गलत काम नहीं किया है। इसका विरोध नहीं होना चाहिए। जिससे पहचान है, वही नाम किया है। प्रदेश सरकार का ये फैसला स्वागतयोग्य है।
डा. फिरोज खान, अध्यक्ष बुंदेलखंड प्राइवेट टीचर्स एसोसिएशन
[अनावश्यक खर्च बढ़ेगा]
नाम बदलने से सरकार का अनावश्यक रूप से खर्च बढ़ेगा। सारी स्टेशनरी और सरकारी अभिलेखों में परिवर्तन करना पड़ेगा। सरकार का ये फैसला ठीक नहीं है।नाम पर सकारात्मक ढंग से राजनीति भी की जा सकती है। बड़े अस्पताल और शिक्षण संस्थान खोलकर मन मुताबिक नाम रखे जा सकते हैं।
[शहंशाह हैदर आब्दी] समाजवादी विचारक