निर्मोही अखाड़ा ने की बाबर, अकबर, हुमायूं और टीपू सुल्तान से मोदी की तुलना
मथुरा। जो काम बाबर, अकबर, हुमांयू और टीपू सुल्तान ने नहीं किया वो काम पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है। ये लोग अयोध्या के साथ काशी और मथुरा में मंदिर निर्माण की बात स्टिंग में कह रहे हैं लेकिन, काशी में हमारे प्राचीन और पौराणिक मंदिर तोड़े जा रहे है इससे ज्यादा दुर्भाग्य पूर्ण क्या होगा। भाजपा तो अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनाना चाहती है तो फिर मथुरा-काशी में तो सवाल ही नहीं उठता। भाजपा के लोग केवल देश के हिंदुओं को बरगलाना चाहते हैं और इनका एकमात्र उद्देश्य उन्माद फैला कर नोट और वोट इकट्ठा करने का है। यह बात गोवर्धन में निर्मोही अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीताराम दास महाराज ने रविवार को अपने आश्रम पर मीडिया से रूबरू होते हुए कही।
अध्यादेश लाना संभव नहीं
अयोध्या में मंदिर मुद्दे को लेकर एक बार फिर तेज हुई सुगबुगाहट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सीताराम दास महाराज ने कहा कि अब जब सरकार के पास समय ही नहीं बचा है ऐसे में ये लोग अध्यादेश लाने की बात कह रहे हैं जो संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद से भाजपा के लोग साढ़े चार साल से किस गुफा के अंदर बैठे थे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा की मंशा पर सवाल खड़े किए और कहा कि इनका उद्देश्य तो केवल देश के हिंदुओं को बरगलाकर उन्माद पैदा करने और अपने लिए वोट और नोट इकट्ठा करने का है राम मंदिर बनाने की इनकी कोई मंशा नहीं है। अयोध्या में जुट रहे संतों को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ भगवाधारी बाबा लोग विश्व हिंदू परिषद के पीछे-पीछे चलकर कह रहे हैं कि हम राम मंदिर के लिए आंदोलन करेंगे। इस कहने वाले ये बाबा लोग जो अब सामने आए हैं 2014 से कहां गायब थे।
यदि ये बाबा लोग ही मंदिर के पक्षधर होते तो सरकार बनने के बाद पीएम मोदी के पास जाकर बोलते हमने तुम्हे वोट दया है समर्थन दिया है,आपकी सरकार बनी है तो मंदिर बनाइए। उन्होंने कहा कि अब जब सरकार के पास मात्र 2 महीने बचे हैं तो ये बाबा भी आंदोलन करने निकले हैं। इससे सिद्ध हो रहा है कि ऐसे बाबा, भाजपा, आरएसएस, विश्वहिंदू परिषद और शिवसेना के लोग केवल 2019 में भाजपा की सरकार बनाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं ना कि मंदिर बनाने के लिए।
भाजपा से नाराजगी
उन्होंने भाजपा से नाराजगी जताते हुए कहा कि में भाजपा के लोगों को नसीहत देना चाहूंगा कि वे शर्म करें और अगर थोड़ी सी भी शर्म बची हो तो राम के नाम पर राजनीति करने बंद कर दें। इसके साथ ही उन्होंने अपील करते हुए कहा कि देश के हिंदुओं और सनातन धर्मियों को इन भाजपाई पाखंडियों के बरगलाने में नहीं आना चाहिए। इनके बहकावे में नहीं आएं क्यों कि ये लोग राम के नाम पर राजनीति करके नोट और वोट इकट्ठा करते हैं।