कानपुर में रूबेला वैक्सीन लगते ही 100 से ज्यादा बच्चों की बिगड़ी हालत
कानपुर : स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गुरुवार को स्कूलों में खसरा, रूबेला का टीका लगाने से अलग-अलग स्कूलों में 100 से ज्यादा बच्चों की हालत बिगड़ गई। कुछ का शरीर सुन्न पड़ने लगा, दो बच्चे बेहोश हुए। टीका खराब होने की अफवाह फैल गई। बच्चों की हालत देख स्कूलों, स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। 39 बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। कुछ घंटे में हालत सामान्य होने पर अस्पतालों से छुट्टी कर दी गई। बच्चों के बीमार होने की वजह इंजेक्शन फोबिया बताया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने 26 नवंबर से 15 साल तक के बच्चों को खसरा, रूबेला का टीका लगाने के लिए अभियान शुरू किया। गुरुवार को विभिन्न स्कूलों में बच्चों को टीके लगाए गए। टीके लगने से सनातन धर्म बालिका विद्यालय कौशलपुरी, शारदा शिशु मंदिर यशोदा नगर, रघुनाथ प्रसाद इंटर कालेज यशोदा नगर और नवाबगंज के एक स्कूल में बच्चे सिर दर्द, चक्कर आने, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ बताने लगे। कुछ बच्चों ने शरीर सुन्न पड़ने, बेहोशी आने की शिकायत की।स्कूलों में अफरा-तफरी के बीच स्वास्थ्य विभाग और बच्चों के अभिभावकों को सूचना दी गई।
स्वास्थ्य विभाग कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव एंबुलेंस लेकर सनातन धर्म बालिका विद्यालय पहुंचे और वहां के 12 बीमार बच्चों को बैठाकर बाल रोग चिकित्सालय पहुंचे। यशोदा नगर के स्कूलों के बच्चे भी अस्पताल आने लगे, तब तक मेडिकल कालेज बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव, डॉ.राजतिलक, डॉ. एके आर्या जूनियर डॉक्टरों सहित बाल रोग चिकित्सालय पहुंचे।
न्यू इमरजेंसी वार्ड खाली कराकर इन बच्चों का वहां इलाज शुरू किया गया। बच्चों को बिस्कुट, टाफी भी खिलाई गईं। विभागाध्यक्ष ने बताया कि शाम तक इस अस्पताल में 34 बच्चों को भर्ती कराया गया। पांच बच्चों को साउथ के एक निजी चिकित्सालय ले जाया गया। नवाबगंज के एक स्कूल में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और बच्चों का उपचार किया।
डेढ़ घंटे बाद टीकाकरण अभियान के प्रभारी एसीएमओ डॉ. एके कनौजिया ने अस्पताल पहुंचकर बीमार बच्चों का हाल लिया। बाद में पहुंचे सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने भी जांच-पड़ताल की। जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत के निर्देश पर एडीएम (सिटी) विवेक श्रीवास्तव बाल रोग चिकित्सालय में जांच करने पहुंचे। उन्होंने बच्चों, अभिभावकों, डॉक्टरों से बात की।
सीएमओ डॉ. अशोक शुुक्ला ने बताया टीके लगने के बाद 60 बच्चे बीमार हुए। 34 को बाल रोग चिकित्सालय, पांच को साउथ के ओरिएंट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। किदवई नगर डी-टाइप सेंटर में भी दो बच्चों का इलाज हुआ। टीके में कोई गड़बड़ी नहीं है। घबराहट से बच्चों की तबियत खराब हुई। अभियान चलता रहेगा। अब और ज्यादा सतर्कता बरती जाएगा। 55 रैपिड रिस्पांस टीमें बनाई गई हैं