आज है असली दीवाली ,बुराई हार गई:ज़ेबा यास्मीन
लोकसभा चुनावों से पहले हिंदी पट्टी के तीन अहम राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों ने कांग्रेस और बीजेपी के बीच के मुकाबले को रोमांचक बना दिया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के रुझानों /परिणामो में कांग्रेस अपने सहयोगियों के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी को पछाड़ते हुए दिख रही है.
ऐसा नहीं है कि बीजेपी को ऐसी राजनीतिक तस्वीर का अनुमान पहले से नहीं था. इसलिए केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी इन तीनों राज्यों में पूरे दमखम के साथ प्रचार में उतरी थी. तीनों राज्यों में स्थानीय नेतृत्व के अलावा केंद्रीय नेतृत्व भी जमकर प्रचार में उतरा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बीजेपी ने चुनाव प्रचार में जमकर इस्तेमाल किया.
इन राज्यों में सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान कभी कांग्रेस भारी पड़ती दिखी तो कभी बीजेपी. वहीं, कांग्रेस के सामने तीनों राज्यों में गुटबंदी से उबरने की चुनौती भी थी, साथ ही बीजेपी तीनों राज्यों में कांग्रेस के पास सीएम का चेहरा न होने की बात कहकर हमलावर भी होती रही.
बीजेपी ने इन राज्यों में अपने फायरब्रांड नेता और योगी आदित्यनाथ से सबसे आगे रखा था. योगी आदित्यनाथ ने तीनों राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से ज्यादा रैलियां की थीं. इन्हीं चुनावों के प्रचार के दौरान योगी ने हनुमान को दलित भी करार दिया था, जिसके बाद कई दिनों तक चर्चा इसी पर केंद्रित रही थी.
सपा नेत्री ज़ेबा यास्मीन में ट्वीट करते हुए लिखा कि“आज है असली दीवाली ,बुराई हार गई”
ज़ेबा यास्मीन ने KKC न्यूज़ लखनऊ संवाददाता से बात करते हुए कहा कि
“आज पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का परिणाम आया है और बीजेपी का अहंकार टूट गया है मेरा यह मानना है कि भगवान राम और हनुमान जी को राजनीतिक मुद्दा बनाने का सबक उन्हें भगवान नहीं दे दिया . तीन राज्यों में बीजेपी खत्म हो रही है ईवीएम मशीन को लेकर जो खबरें सामने आए उस से सब वाकिफ हैं और होटल तक में ईवीएम मिली वरना मुझे लगता है कि एमपी में जितनी सीट सिने मिली है वह मिलना मुश्किल था. बीजेपी ने एक अलग मंत्रालय बनाया था गाय मंत्रालय और उसी के मंत्री अपने क्षेत्र में हार गए हैं अब आप खुद ही आकलन लगा सकते हैं कि जनता में क्या आक्रोश है
जैसे 2014 में मोदी लहर बनी थी वैसे ही यह लहर खत्म होते नजर आ रही है और अगर जनता ऐसे ही साथ देती रही तो 2019 में मोदी लहर का अंत हो जाएगा”