रियल लाइफ सिंघम:इस IPS ने रोक दी थी केंद्रीय मंत्री की गाड़ी, कहा था करा दो सस्पेंड
केरल में पोस्टेड आईपीएस अफसर यतीश चंद्र की कर्तव्य निष्ठता और निडरता के किस्से जगजाहिर है। उन्हें उस ‘दबंग अफसर’ के नाम से जाना जाता है, जिसने एक केंद्रीय मंत्री की निजी गाड़ी रोककर कहा थी कि सस्पेंड होने का डर नहीं है।
केरल में पोस्टेड है यतीश चंद्र:
सत्ता के सामने सर झुका कर खड़े होने वाले पुलिस कर्मियों में कई ऐसे भी पुलिस कर्मी होते हैं जिनके लिए जनता और वीआईपी एक बराबर होते हैं। उनका कर्तव्य और जिम्मेदारी हर किसी के लिए एक जैसा होता है, वो चाहे कोई राजनेता हो, या कोई अभिनेता और या भी कोई आम व्यक्ति।
ऐसे ही एक आईपीएस अफसर ने जिन्होंने जनता और जनार्दन में कभी अंतर नहीं किया। इसका एक उदाहरण तब देखने को मिला जब वे केंद्रीय मंत्री के सामने निडरता से खड़े हो गये और उन्हें बता दिया कि ये वर्दी देश के हर नागरिक की सुरक्षा और शांति के लिए काम करती है न कि किसी सत्ताधारी के लिए।
वो साहसी आईपीएस अफसर हैं, यतीश चंद्र। उम्र है तीस साल। 2010 में सिविल सर्विसेज पास करके पुलिस की नौकरी में आये थे। आईपीएस यतीश चन्द्र न उम्र ज्यादा है और न तजुर्बा, लेकिन जज्बा बुलंद है।
सबरीमाला में केन्द्रीय मंत्री से भिड़ गये थे आईपीएस:
मामला उस समय का है, जब केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद चल रहा था। उस दौरान मन्दिर में दर्शन के लिए पहुंचे केन्द्रीय मंत्री पोन राधा कृष्णनन के निजी वाहन को रोकते हुए दबंग आईपीएस ने साफ शब्दों में मंत्री से कहा थी कि निजी वाहन को परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
आईपीएस ने निडरता से अपने कर्त्तव्य को पूरा करते हुए कहा, ‘वहां पर पार्किंग की समस्या है। सरकारी वाहन वहां वीआईपी को उतारकर वापस आ जाते हैं। अगर एक निजी वाहन जाने दिया जाएगा तो अन्य लोग भी वहां जाने का प्रयास करेंगे। अगर वहां ट्रैफिक की व्यवस्था खराब होती है तो क्या आप जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं?
निजी कार रोक कर कहा था, जिम्मेदारी लीजिये तब जाने दूंगा:
आईपीएस ने कहा, ‘आप मुझे लिखकर दे दीजिए तो मैं आपके निजी वाहन को जाने की अनुमति दे दूंगा। मैं तो आपको लिखकर देने को तैयार हूं।’ मंत्री ने कहा कि वह इस तरह का कोई आदेश नहीं दे सकते। आईपीएस ने कहा, ‘यही तो समस्या है, कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।