1997 बैच के इस सबइंस्पेक्टर के नाम से ही खौफ खाते हैं अपराधी
ऐसा कहा जाता है कि कानपुर शहर पुलिस का रिकॉर्ड कई तेज तर्रार अफसरों के रोमांचक किस्सों से भरा पड़ा है। ऐसे में हम बात कर रहे हैं सबइंस्पेक्टर (sub-inspector) ऋषिकांत शुक्ला की जिनके बारे में कहा जाता है कि इनके नाम से ही अपराधी खौफ खाते हैं। जहां ये होते हैं अपराधी वहां आने से भी कतराते हैं। 1997 के बैच के सबइंस्पेक्टर ऋषिकांत शुक्ला की किस्से सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है।
22 से ज्यादा अपराधियों को मार गिराया
कानपुर में पले और बढ़े ऋषिकांत वर्ष 1999 से 2005 और 2008 से 2009 तक नौबस्ता, कोहना, काकादेव समेत कई थानों के थानाध्यक्ष रहे। इनके बारे में कहा जाता है कि कई मुठभेड़ों में इन्होंने 22 से ज्यादा बदमाशों को मार गिराया है। कहा जाता है इनके राज में अपराधी आने से भी कतराते हैं
मुन्ना बजरंगी के शूटर को भी मार गिराया था
ऋषिकांत ने तैनाती के दौरान डी-टू गैंग के रफीक और बिल्लू को मुठभेड़ में मार गिराया। पूर्वांचल के माफिया मुन्ना बजरंगी (जेल में हत्या हो चुकी) के शूटर अमित राय और चिंटू सिंह 2007 में किदवई नगर स्थित संजय वन के पास मुठभेड़ में मार गिराया था।
इस सबइंस्पेक्टर के किस्से ने खूब सुर्खियां बटोरी
अजय कंजा, तन्नू पासी, राजेश करिया, इरफान चिकना जैसे 22 शातिर को मुठभेड़ में गिराने वाले ऋषिकांत का अपराधियों में हमेशा खौफ रहा। सबइंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर पद पर प्रमोट होने के बाद वह आईजी आलोक सिंह की क्राइम ब्रांच में तैनात रहे। तब भी कई शातिरों और जुएं के अड्डों को पकड़ा। इस वक्त वह अकबरपुर (कानपुर देहात ) कोतवाली थाना प्रभारी हैं। बता दें, आजकल इनके किस्से खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं