बाराबंकी के धारूपुर गांव हुए धमाके के बाद सेना को भारी मात्रा में मिला विस्फोटक
बाराबंकी-:
=======अयोध्या-बाराबंकी सीमा से आठ किलोमीटर दूर रामसनेहीघाट कोतवाली क्षेत्र के धारूपुर गांव में दो दिन पहले आतिशबाज हसीब के घर में हुए भयंकर विस्फोट और चार मौतों के बाद वहां से भारी मात्रा में बारूद का जखीरा बरामद होने का सिलसिला शुरू हो गया है। हादसे के चौथे दिन शुक्रवार को लखनऊ से आई सेना की बम डिस्पोजल टीम के कैप्टन विकास मलिक के नेतृत्व में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। जिसमें भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुआ।घरों से लेकर खेत, खलिहान और झाड़ियों में मिल रहा विस्फोटक कितना घातक है और इसके पीछे कोई बड़ी आतंकी साजिश तो नहीं आदि सवालों का जवाब खोजने में सेना जुटी है।उधर पुलिस अधीक्षक डॉ सतीश कुमार ने इस मामले में रामसनेहीघाट कोतवाली के संदीप कुमार राय को लाइन हाजिर और लाइसेंस नवीनीकरण करने वाले पुलिस कर्मियों में शामिल तीन दरोगा विजय सिंह, विजय तिवारी, हरिशंकर और दो सिपाही अरविंद यादव और आनंद यादव को निलंबित किया है। पूरे दिन एसडीएम, एएसपी गांव में ही कैंप करते रहेे। हादसे के बाद सहमे ग्रामीणों ने इस अवैध धंधे में स्थानीय पुलिस व तहसील प्रशासन की संलिप्तता होने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस मामले में छह लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई थी लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।भयभीत ग्रामीण कर रहे रतजगा
पुलिस द्वारा कल्याणी नदी के पुराने पुल से नदी में फेंका तमाम गोला बारूद रेलिंग पर ही अटक गया। बारूद से भरी बोरियों को देख ग्रामीणों में दहशत फैल गई। इसके बाद पुलिस ने नदी की रेलिंग पर फंसे गोलों को नदी में फेंका गया। गांव के निवासी विकास बताते हैं कि इस विस्फोट से पूरा गांव डर गया है दूरदराज में रहने वाले रिश्तेदार फोन पर हालचाल ले रहे हैं। उसने यह भी बताया कि लाइसेंसधारी 12 से 13 घरों में पटाखा बनवाने का काम करवा रहे थे। सोहन लाल वर्मा ने बताया कि मंगलवार और बुधवार को हुई इस विस्फोट घटना से गांव सहित आसपास के गांव के लोग डरे-सहमे हैं। घटना के बाद उनके खेतों में लोगों ने विस्फोटक सामग्री को छुपा कर रख दिया है जिसे अब पुलिस बरामद कर रही है। वहीं श्याम कुमार ने बताया कि तीन दिन से वह लोग इस घटना को सोचते हैं तो नींद नहीं आती है। विवेक कुमार वर्मा ने बताया कि उन्हें इसका अंदाजा ही नहीं था कि उनके गांव में इतनी भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी।
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