मनरेगा से होगा जीर्णोद्धार तो वन विभाग करेगा तमसा मैया का सिंगार।
तमसा मां की दुर्दशा देख डीएम ने इसके जीर्णोद्धार के लिये छेड़ी अनूठी पहल।
डीएम ने कहा तमसा हम सबकी की मां है हम पहले इसका जीर्णोद्धार,फिर सिंगार भी कराएंगे।
अयोध्या ! “तमसा नदी” नदी ही नही बल्कि मां है।मेरी आपकी हम सबकी मां है।ये वही तमसा मैया है जिसके तट पर प्रभु श्री राम ने वनगमन के समय प्रथम रात्रि निवास किया था।उस समय इसी तमसा मां ने प्रभु को मातृत्व सुख प्रदान किया था।हम सब भाग्यशाली है जो इस मां का उदगम स्थल अयोध्या जिले अंतिम पश्चिमी छोर पर स्थित मवई ब्लॉक क्षेत्र के लखनीपुर गांव के समीप है।ये तमसा मैया कभी लोगों के लिये जीवन दायिनी सिद्ध हुआ करती थी।पशु पक्षी इनके शीतल जल को पीकर जहां तृप्त होते थे।वही धरती के भगवान कहे जाने वाले किसानों के लिये भी इनका जल वरदान साबित होता था।लेकिन देख रेख के अभाव इस मैया का जीवन खुद संकट में था।ये वर्षो से हर रोज अपनी कातर भरी निगाहों से इंतजार कर रही थी कि इस पृथ्वी इसके लिये क्या कोई भागीरथ नही है ? जो इस मां के अस्तित्व को बचा सके।जिससे लोगों को ये एक बार पुनः मातृत्व सुख प्रदान कर सके।बुधवार को लखनीपुर गांव के समीप तमसा मैया के उद्गम स्थल के तट पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप लोगों को सम्बोधित करते हुए डीएम अनिल कुमार पाठक ने कुछ इस प्रकार से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया तो वहां मौजूद सैकड़ो लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा तट गूंज गया और लोगों ने तमसा मैया के जयघोष करने लगे।
बता दे कि तमसा नदी कभी अवध क्षेत्र की पहचान हुआ करती थी।वन जाते समय श्रीराम-लक्ष्मण व सीता ने अयोध्या के बाहर सर्वप्रथम तमसा नदी के तट पर विश्राम करके इसको धन्य बना दिया था।जिसका उल्लेख तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में “प्रथम वास तमसा भयो दूसर सुरसरि तीर”किया है।परंतु समाजसेवियों नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों की घोर उदासीनता के चलते यह नदी वर्षो से अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही थी।इस नदी की दुर्दशा को हिंदुस्तान ने भी अपने पिछले अंको में कई बार विस्तार से प्रकाशित अधिकारियों नेताओं सहित स्वयं सेवी संस्थाओं को जगाने का प्रयास किया था।जिसके बाद कई नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने अफसरों व शासन को पत्र भी लिखा था।आज आयोजित जीर्णोद्धार शुभारंभ अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान डीएम अनिल पाठक ने कहा कि इस नदी के बारे में जानकारी मिलते ही इसके जीर्णोद्धार की एक योजना बनाकर इसका इस्टीमेट शासन को भेजा गया जहां से पहली किस्त के रूप 23 करोड़ का बजट सरकार ने पास किया है।डीएम ने कहा पहली किस्त में मिली धनराशि से बरसात से पूर्व मनरेगा योजना से इस तमसा नदी का जीर्णोद्धार किया जाएगा।उसके बाद इस मां का सिंगार भी वन विभाग द्वारा किया जाएगा।इस अवसर पर मौजूद डीएफओ डा0 रवि कुमार ने बताया नए प्लांटेशन में इस नदी के दोनों पटरियों पर वृक्षा रोपण की योजना बनाई जा रही है।जिसके तहत लगभग 135 हेक्टेयर में पौधरोपण का कार्य कैम्पा योजना के अंतर्गत किया जाएगा।