तो अब पौधरोपण लक्ष्य में पौधों की आपूर्ति नही बनेगी बाधा
रूदौली वन क्षेत्र में विभाग कराएगा एक नये पौधशाला का निर्माण।
बेंतवा पौधशाला के नाम से बिहारा वन ब्लॉक में बनेगा ये नया पौधशाला।
रूदौली वन क्षेत्राधिकारी विक्रमजीत ने बताया स्थान व नाम का चयन कर शासन को भेजा गया प्रस्ताव।
मवई(अयोध्या) ! आगामी वर्षा काल में नए लक्ष्य के अनुरूप जिले को आवंटित पौधरोपण में अब पौधों की आपूर्ति बाधा नहीं बन पाएगी। इसके लिए जिले के प्रभागीय वनाधिकारी डॉ रवि कुमार ने पहले से कमर कसनी शुरू कर दी है।लक्ष्य के अनुरूप पौधरोपण उगाने के लिए उन्होंने जनपद के सभी क्षेत्राधिकारियों को पौध तैयार करने का सख्त निर्देश भी दिया है। इन्होंने बताया कि रुदौली वन रेंज में एक नई पौधशाला का निर्माण कराया जाएगा।जिसके लिए स्थल का चयन व नामकरण कर प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।और शासन ने इसके निर्माण के लिये धन भी आवंटित कर दिया।जल्द ही इस पौधशाला का निर्माण पूरा कराकर थैला भरान का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा।
बताते चलें कि रुदौली वन क्षेत्र में तीन पौधशाला विभाग की ओर से पहले से ही स्थापित है।जिनमें से बसौड़ी पौधशाला विगत वर्ष में प्रदेश की नंबर वन पौधशाला भी घोषित हो चुकी है।इसके अलावा यहां रेछ व बिहारा वन ब्लॉक में दो अन्य पौधशाला स्थित है।वन क्षेत्राधिकारी बिक्रमजीत ने बताया नए पौधशाला के रूप में बिहारा वन ब्लॉक के बेतवा नाले के समीप स्थल का चयन किया गया है।लगभग डेढ़ हेक्टेयर विभाग की जमीन पर बेतवा पौधशाला के नाम से नए पौधशाला का चयन कर प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।जहां से स्वीकृति मिलते ही पौधशाला निर्माण का कार्य भी शुरू करा दिया गया है।
नए पौधशाला में तैयार किये जायेंगे ढाई लाख पौध।
बिहारा वन ब्लॉक में बेंतवा पौधशाला के नाम से डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर बन रही नई पौधशाला में आगामी पौधरोपण लक्ष्य में सहायक होगी।उक्त जानकारी देते हुए उप क्षेत्रीय वनाधिकारी वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि आगामी वर्षाकाल में प्रदेश में होने वाले 22 करोड़ पौधरोपण के परिपेक्ष्य जिले को चालीस लाख पौरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया।जिसमें से विभाग की ओर रूदौली वन रेंज में 18 लाख पौधरोपण कराने का लक्ष्य दिया गया है।इसके अलावा अन्य विभागों को मिले लक्ष्य के अनुरूप भी पौध देने है।ऐसे में पौध आपूर्ति के लिये नई पौधशाला मददगार साबित होगी।डेढ़ हेक्टेयर भूमि पर बन रहे इस नए पौधशाला में लगभग ढाई लाख पौधे उगाने की क्षमता रहेगी।जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रजातियों के पौध उगाकर आगामी वर्षा काल में रोपित किये जायेंगे।