अगामी एक साल में शहरों के हर घर तक पहुंचेगा शुद्ध पेयजल, अमृत योजना से जुड़ेंगे 60 शहर
लखनऊ ! सरकार की मंशा के मुताबिक अगले एक साल केभीतर अमृत योजना से जुड़े 60 शहरों में शुद्ध पेयजलापूर्ति कराने पर काम शुरू हो गया है। इस अवधि में सभी शहरों के हर घरों तक शुद्ध पेयजलापूर्ति करने का लक्ष्य तय किया गया है।पेयजल पुनर्गठन योजना के तहत इस लक्ष्य को पाने के लिए शहरी क्षेत्र के हर घर तक पेयजलापूर्ति और सीवर लाइन के लिए अलग-अलग पाइप डालने की डीपीआर तैयार कराई जा रही है।अमृत योजना से संबंधित 60 शहरों में अधिकांश शहरों में प्रदूषति पेयजल आपूर्ति की शिकायतों की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि पेयजल के प्रूदषित होने की मुख्य वजह पेयजल व सीवर की पाइपलाइन का एक साथ होना पाया गया है।इसलिए अब यह तय किया गया है कि ऐसे स्थानों को चिह्नत करके सबसे दोनों लाइनों को अलग-अलग किया जाएगा। ‘पेयजल पुनर्गठन योजना’ के तहत पेयजल और सीवर लाइन की पाइपों को अलग-अलग करने का डीपीआर तैयार भी कर लिया गया है।अमृत योजना वाले 60 शहरों में से जिन शहरों के लिए अब तक डीपीआर तैयार नहीं किया गया है, उसे हर हाल में एक महीने के भीतर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो अगले एक साल के भीतर पेयजल सुविधाओं से संबंधित कार्यों पर करीब 1300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।इसी तरह सीवर 41 शहरों में स्थापित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को पूरी क्षमता से चलाने की भी कार्ययोजना तैयार की जाएगी। नमामि गंगे परियोजना के तहत मुरादाबाद, बरेली, बुलंदशहर में नालों के टैपिंग कार्य और कानपुर, वाराणसी व मिर्जापुर में लगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड करने काडीपीआर तैयार कर केन्द्र को भेज दिया गया है।
हैंडपंप के स्थान पर लगेंगे सबमर्सिबल पंप।
मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक शहर के उन क्षेत्रों में अब सबमर्सिबल लगाकर पेयजलापूर्ति करने की व्यवस्था करने पर विचार किया जा रहा है, जिन क्षेत्रों में अभी भी लोगों को पीने का पानी हैंडपंप से लेना पड़ रहा है।हैंडपंप का पानी प्रदूषित होने केसाथ ही उसके रखरखाव को लेकर आ रही दिक्कत को देखते हुए यह तय किया गया है कि दो हैंडपंप केस्थान पर एक सबमर्सिबल लगाया जाएगा। नगर विकास विभाग की ओर से इस सबंध में सभी नगर निकायों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है।सरकार ने जल निगम द्वारा संचालित पेयजल आपूर्ति से संबंधित परियोजनाओं की गुणवत्ता परखने का भी फैसला किया है। इसके लिए नगर विकास विभाग को मुख्य सचिव के स्तर से पहले भी आदेश दिया गया था। इसके तहत नगर विकास विभाग ने अब उसपर अमल करने को कहा है।परियोजनाओं के शुरू होने से लेकर उसके खत्म होने का ब्यौरा भी तैयार किया जाएगा। साथ ही प्रमुख सचिव नगर विकास अब हर 15 दिन में प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। ताकि समय से परियोजनाओं को पूरा किया जा सके।