गोशालाओं में वृद्धाश्रम बनाएगी दिल्ली सरकार, पशु स्वास्थ्य व कल्याण नीति जारी
नई दिल्ली ! दिल्ली की गोशालाएं बुजुर्गों का अकेलापन दूर करने का जरिया बन सकती हैं। दिल्ली सरकार अपने तरह के एक अनूठे प्रोजेक्ट पर काम करने जा रही है। इसके तहत गोशालाओं में ही वृद्धाश्रम बनाया जाएगा। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय की मानें तो पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सबसे पहले इसे घुम्मन हेड़ा में तैयार किया जाएगा। प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर इसका विस्तार किया जाएगा। इससे पहले बुधवार को गोपाल राय ने पशु स्वास्थ्य और कल्याण नीति जारी की।दिल्ली सरकार का मानना है कि प्रजनन क्षमता खत्म होने के बाद अमूमन गायों को गोशालाओं में भेज दिया जाता है, जबकि कई मामलों में घर के बड़े-बुजुर्ग वृद्धाश्रमों में चले जाते हैं। गोपाल राय के मुताबिक, पायलट प्रोजेक्ट गोशाला व वृद्धाश्रम का संयुक्त वेंचर होगा। खाली वक्त में बुजुर्ग गायों की देखभाल करेंगे। इससे गायों की उचित तरीके से देखभाल हो सकेगी, जबकि बुजुर्गों का खाली वक्त भी आराम से कट जाएगा।
हर जिले में दो से तीन गोशाला
दिल्ली सरकार के अधिकारी बताते हैं कि नई नीति में गायों के लिए पेइंग गेस्ट सुविधा देने की योजना है। इसमें उन लोगों को सुविधा मिलेगी, जो इच्छा होने के बाद भी जगह न होने से गाय नहीं पाते। मामूली से शुल्क पर वह एक हॉस्टल में अधिकतम दो गायें रख सकेंगे। इसके अलावा सरकार की योजना है कि हर जिले में दो-तीन गोशालाएं बनाई जाएं। फिलहाल दिल्ली में इनकी संख्या महज चार है।
प्रत्येक जानवर में चिप लगाने की योजना
दिल्ली सरकार की योजना है कि राजधानी के हर जानवर को चिप लगाए जाए। नई पॉलिसी में इसका प्रावधान किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि इससे कोई मनचाहे तरीके से अपना जानवर सड़क पर नहीं छोड़ सकेगा। वहीं, सड़क पर घूमने वाले जानवरों का डाटा भी सरकार के पास होगा।
जिले से वार्ड स्तर तक बनेगी अस्पतालों की चेन
नई नीति में कहा गया है कि वार्ड से जिला स्तर तक अस्पतालों की चेन तैयार होगी। हर जिले में एक बड़ा अस्पताल होगा। इसमें जानवरों की ओपीडी व इंडोर सुविधा होगी। यहां वार्ड स्तर की छोटे पशु अस्पतालों से रेफर किए गए जानवरों का इलाज होगा। घायल जानवरों की सूचना देने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर और उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सर्विस भी रहेगी। जिला अस्पताल में मोर्चरी तक की सुविधा रहेगी। जिला पशु अस्पताल का उद्घाटन तीस हजारी के पास 16 जनवरी को होगा।
रैबीज फ्री होगी दिल्ली
गोपाल राय ने बताया कि बंदरों पर नियंत्रण रखने के लिए दिल्ली सरकार बंध्याकरण की योजना पर काम करेगी। दूसरी तरफ अंडमान निकोबार की तरह दिल्ली को रैबीज फ्री राज्य बनाया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली के सभी इंट्री प्वांइट पर जानवरों की जांच के लिए सेंटर बनेंगे, जिससे भविष्य में इनकी आबादी बढ़ने न पाए।