लखनऊ पहुंची मायावती, जल्द हो सकता है गठबंधन का ऐलान
लखनऊ ! बसपा सुप्रीमो मायावती गुरुवार की शाम लखनऊ पहुंच गई हैं। वह पूरी तरह से चुनावी मूड में दिखाईं दे रही हैं। आने के तुरंत बाद भाईचारा कमेटी की बैठक ली। उन्होंने कहा कि लोकसभा पर चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट जाएं। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि वह इस बार सिर्फ चार दिनों तक लखनऊ में रहेंगी और 15 को जन्मदिन मनाने के बाद अपराह्न दिल्ली चली जाएंगी। मायावती सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा जन्मदिन वाले दिन कर सकती हैं।चर्चा है कि लखनऊ में मायावती व अखिलेश यादव एक-दो दिन में मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा रालोद और लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट जीतने वाले निषाद पार्टी के सांसद भी उनसे मिल सकते हैं। इस मुलाकात में गठबंधन और सीटों पर चर्चाओं की संभावना जताई जा रही है। इन चर्चाओं के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि गठबंधन में सहयोगियों को कितने सीटें मिलेंगी। सीटों का बंटवारा साफ होने और गठबंधन को लेकर कोई बड़ा व्यवधान अगर नहीं होता है तो मायावती अपने जन्मदिन वाले दिन 15 जनवरी को अखिलेश के साथ संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा कर सकती हैं।
दिल्ली में भी जुटेंगे सहयोगी दल
मायावती का इस बार दौरा बहुत संक्षिप्त यानी चार दिनों का बताया जा रहा है। वैसे तो वह यहां आने के बाद महीनों रहती रही हैं, लेकिन इस बाद वह 15 जनवरी को जन्मदिन मनाने के बाद अपराह्न दिल्ली लौट जाएंगी। इसके बाद दिल्ली में भी जन्मदिन मनाए जाने की तैयारी है। इसमें लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग राज्यों में जिन सहयोगी दलों से बातचीत चल रही है उनके नेताओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। खासकर बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तराखंड की क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं के आने की संभावना है। दिल्ली में होने वाली पार्टी में बसपा के राज्य के प्रभारियों को भी बुलाया गया है।
भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर दिखाएंगे ताकत।
सपा-बसपा यूपी में करीब 24 साल बाद एक बार फिर से करीब होते हुए दिखाई दे रहे हैं। सपा-बसपा गठबंधन 2 जून 1995 में टूटा था। इसके बाद दोनों दल एक साथ नहीं आए। यूपी में अब दोनों दल एक होते हुए दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जन्मदिन समारोह में सहयोगी दलों के शीर्ष नेताओं को शामिल करने पर भी विचार हो रहा है। भाजपा द्वारा किए जा रहे हमलों का जवाब देने के लिए संयुक्त शक्ति प्रदर्शन किया जा सकता है।