खाकी के लिबास में ढका एक ऐसा इंसान जो ड्यूटी के साथ जरूरतमंद बच्चों की जिंदगी में कर रहा शिक्षा की रोशनी
लखनऊ ! पुलिस की वर्दी को लेकर मन में सम्मान का भाव पैदा हो, ऐसा ख्वाब लेकर अनूप मिश्र अपूर्व ड्यूटी के बाद अभावग्रस्त और जरूरतमंद बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की रोशनी फैला रहे हैं। उनका यह जुनून एक पहचान बन गया है, जिस पर हर किसी को नाज है।अनूप मिश्र ‘अपूर्व’ उत्तर प्रदेश पुलिस टेलिकॉम विभाग में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने वर्ष 1997 में पुलिस की नौकरी में आने के बाद गरीब बच्चों को पढ़ाने का अभियान शुरू किया। पोस्टिंग उन्नाव जिले में हुई तो स्टेशन के पास रहने वाले बच्चों को पढ़ाने निकल पड़ते।उन्होंने मलिन बस्तियों की इन क्लासेज को ‘दी स्ट्रीट क्लासेज’ का नाम दिया। जब राजधानी पहुंचे तो यहां भी उन्होंने ज्ञान का उजियारा फैलाना कायम रखा। देवीखेड़ा गांव से शुरुआत कर 74 बच्चों का गुरुकुल बनाया, जहां आने वाले बच्चों के माता पिता मजदूरी करते थे। अनूप ने इन बच्चों का नजदीकी सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाया और अपनी मुहिम को सार्थक रूप देने में लगे रहे।
उनके पढ़ाये कई बच्चे कर रहे हैं नौकरी
अनूप बताते हैं कि साधारण परिवार में जन्में थे और गरीबी को बहुत ही करीब से देखा। इसलिए पढ़ाई की अहमियत समझते हैं। अनूप का ज्ञान यज्ञ अब वहां भी प्रज्ज्वलित होता है, जहां भीख मांगने वाले, कूड़ा बीनने वाले बच्चे रहते हैं। अनूप बताते हैं कि उनका उद्देश्य सिर्फ अ से अनार सिखाना नहीं, बल्कि बच्चों को इस लायक बना देना है कि अनार ना सही आम खा सकें।उनके पढ़ाए कई बच्चे नौकरी कर रहे हैं। अब उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित ग्रामीण परिवेश के प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चों की शैक्षिक, मानसिक, सांस्कृतिक, कलात्मक व खेल की प्रतिभाओं को निखारना शुरू किया है। बच्चों को नैतिक पाठ की शिक्षा भी देते हैं। साथ ही बच्चों को बॉक्सिंग, फुटबॉल, कबड्डी, मार्शल आर्ट जैसे खेलों का प्रशिक्षण भी दिलवाते हैं।