खनन घोटाला / ईडी ने 11 के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया, अखिलेश और गायत्री से पूछताछ होगी
लखनऊ. सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खनन घोटाले के मामले में कार्रवाई शुरु की है। ईडी ने गुरुवार को आईएएस बी. चंद्रकला समेत 11 आरोपियों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया है। यह केस सीबीआई की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया है। अब ईडी भी तत्कालीन खनन मंत्री रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व गायत्री प्रजापति के 2012-2016 के दौरान उनकी भूमिका की जांच करेगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 2012 से जून 2013 तक खनन विभाग का अतरिक्त प्रभार अखिलेश यादव के पास ही था। ईडी ने सभी आरोपियों को नोटिस भेजा है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी नोटिस भेज सकती है।
यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीपुर, बांदा आदि जिलों में हुए खनन घोटाले के सिलसिले में की गई। सीबीआई टीम ने 2008 बैच की आईएएस अधिकारी चंद्रकला के साथ-साथ सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा और हमीरपुर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजीव दीक्षित के आवासों पर भी छापा मारा था। इसके साथ ही लखनऊ, नोएडा, हमीरपुर और कानपुर में कुल 12 ठिकानों पर छापामारी की गई। इस दौरान वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के आवास से कुछ अहम दस्तावेज जब्त किए गए।
हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद अवैध तरीके से दिया गया पट्टा
अखिलेश यादव की सरकार में चंद्रकला को हमीरपुर का जिलाधिकारी तैनात किया गया था। आरोप है कि उन्होंने जुलाई 2012 के बाद सपा के कुछ नेताओं को हमीरपुर में मौरंग के खनन के 60 पट्टे अवैध रूप से आवंटित किए। इसमें उन्होंने ई-टेंडर के जरिये पट्टा स्वीकृत करने के नियमों की अनदेखी की। वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई।
कोर्ट ने सीबीआई को जांच का दिया था निर्देश
इसके बाद कोर्ट ने 16 अक्तूबर 2015 को हमीरपुर में जारी मौरंग खनन के सभी 60 पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए। कोर्ट ने 28 जुलाई 2016 को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिया। पिछले महीने, सीबीआई टीम ने एक सप्ताह के लिए हमीरपुर में रहकर इस मामले की जांच की थी।