माएँ अब सिर्फ़ हिन्दू या मुसलमान पैदा करें तब शायद सियासत उनका ज़िक्र या फ़िक्र करे वरना बेटियों की ना सुरक्षा है ना युवाओं को रोज़गार :रुश्दी
योगी सरकार के 2 साल बीत जाने पर भी उत्तरप्रदेश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में कमी न हो सकी. पुलिस की कार्रवाई के दावे के बावजूद हर साल महिला अपराधों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अपहरण और रेप की घटनाओं में इजाफा होने से चिंता बढ़ती जा रही. सीनियर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत होने पर हर मामले को दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है.
साल दर साल बढ़ते गए महिला अपराध
दिल्ली के निर्भया कांड के बाद महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को रोकने की तमाम कवायदें हुई. लेकिन सारी कोशिशें बेअसर नजर आ रही हैं. महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए होने वाली कार्रवाई नाकाफी नजर आ रही. प्रदेश में साल दर साल महिलाओं के साथ होने वाले अपराध बढ़ते चले गए हैं. 2019 के आगाज पर ही महिला की हत्या ने पुलिस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. वर्ष 2018 में अपहरण के मामले सबसे ज्यादा सामने आए तो उत्पीड़न और रेप भी दर्ज किए गए
वही अगर युवाओ के रोजगार की बात की जाए तो स्थिति भयावह है ,सालाना एक करोड़ नौकरी देने का वादा करने वाली मोदी सरकार रोजगार के पैमाने पर पूर्णतः विफल रही है। पहले की सरकारों की विफलता के कारण ही 2014 में देश के युवाओं ने इस सरकार का साथ दिया था।
अनिश्चितता और असुरक्षा के भाव में जी रहे हैं युवा.
आज नौकरियों में लगातार कमी आ रही है। नौकरियों में भ्रष्टाचार एवं धांधली बढ़ रही है। अभी हाल में सीएमआईई की रिपोर्ट बताती है कि साल 2018 में ही 1.1 करोड़ नौकरियां कम हो गई हैं। आज जरूरी है कि सरकार रोजगार गारंटी कानून बनाए, ताकि हर शिक्षित युवा को देश के विकास में भागीदारी देने का अवसर मिले।
सपा प्रवक्ता व रुदौली विधानसभा के पूर्व विधायक अब्बास अली ज़ैदी रुश्दी ने अपने ट्विटर पोस्ट के माध्यम से केंद्र और प्रदेश की सरकार को रोजगार और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर घेरते हुए लिखा
” रात रात जागकर हज़ारों तकलीफें बर्दाश्त कर जो माएँ अपनी कोख से अपनी आँखों का तारा दिल का सुकून बुढ़ापे की लाठी पैदा करती आयीं हैं उनसे अनुरोध है अब सिर्फ़ हिन्दू या मुसलमान पैदा करें हो सकता है सियासत उनका ज़िक्र या फ़िक्र करे वरना बेटियों की ना सुरक्षा है ना युवाओं को रोज़गार ।”
मोदी सरकार ने स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत साल 2016 से 2020 के बीच एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन करीब 3 साल बीत जाने के बाद इस योजना के तहत लक्ष्य के आधे युवाओं को रोजगार नसीब तक नहीं हुआ। आंकड़ों की माने तो, इस समय अवधि के अंदर में प्रशिक्षण हासिल करने वालों में से सिर्फ एक तिहाई को ही रोजगार मिल पाया है।
मोदी सरकार ने कौशल विकास योजना के तहत 5 सालों में 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन आकड़ो के मुताबिक, हालात यह है कि 3 साल बीत जाने के बाद महज 33 लाख युवाओं को ही प्रशिक्षण दिया गया। वोकेशनल ट्रेनिंग हासिल करने के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिला। जबकि कई ऐसे युवा अब भी सड़कों पर घूम रहे हैं जिनकी ट्रेनिंग काफी पहले खत्म हो चुकी है
बता दें कि मोदी सरकार ने 12,000 करोड़ रुपए खर्च कर देश के कई हिस्सों में स्किल डेवलपमेंट के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोले हैं। इतना ही नहीं हर एक शख्स को ट्रेनिंग देने के लिए सरकार की ओर से 10 हजार रुपए का बजट भी रखा गया है।