अयोध्या: दहशत के साये में सांस लेने को मजबूर है सैदपुर क्षेत्र के ग्रामीण
दहशत के साये में सांस लेने को मजबूर है सैदपुर क्षेत्र के ग्रामीण।
पहले लकड़बग्घा फिर तेंदुवा अब बाघ की आशंका से भयभीत है ग्रामीण।
वन क्षेत्राधिकारी एसडीएम के साथ क्षेत्रीय विधायक व ब्लॉक प्रमुख कर चुके है क्षेत्र का दौरा।
मवई ! जिले के अंतिम सीमा पर स्थित तहसील रुदौली का एक छोर जंगली पशु की आमद के चलते दहशत के साये में सांस लेने को मजबूर है।यहां एक ग्रामीण द्वारा तीन दिन पूर्व पांच फुट लम्बा व ढाई फुट ऊंचा धारीदार पशु को सड़क पार करते हुए देखने का दावा किया जा रहा।जिसको लेकर क्षेत्र में जहां दहशत का माहौल है तो वही अफवाहों का बाजार भी गर्म है।सधई पुरवा के समीप गन्ने के खेत मे बछिया की टांग व बाग में वनरोज का शव सहित गेंहू के खेत के किनारे पगचिन्ह मिलने से लोग तेंदुवा व बाघ के आशंका जता रहे है।ग्रामीणों की सूचना पर क्षेत्रीय विधायक रामचंद्र यादव मवई ब्लॉक प्रमुख राजीव तिवारी मय एसडीएम थाना प्रभारी व वनकर्मियों की टीम के साथ क्षेत्र का दौरा कर सुरक्षा के सख्त निर्देश दिए है।जिसके बाद वनकर्मी लगातार चिन्हित गांवों में गश्त कर संदिग्ध जंगली पशु व उसके ठिकाने का पता लगा रहे है।साथ ही वनकर्मी भी दबी जुबान से तेंदुवा होने की बात कहते है।वही वन क्षेत्राधिकारी विक्रमजीत ने बताया कि पगचिन्ह देखने से प्रतीक होता है कि ये पग लकड़बग्घा व लैपर्ड के हो सकते है।फिर पगचिह्न जांच के लिये भेजा गया है।रिपोर्ट आने पर ही वास्तविक पशु पता चलेगा।
बता दे कि बुधवार की शाम सैदपुर क्षेत्र के करौंदी,आनंदी पांडे पुरवा और कोइलीपुरवा गांव के बीच ग्रामीणों ने तेंदुआ जैसी आकृति के एक जंगली पशु को गन्ने के खेत से निकलकर एक आम के बाग में जाते हुए देखने दावा किया था।जिसके बाद गुरुवार की सुबह पहुचे रुदौली विधायक रामचन्द यादव व मवई ब्लाक प्रमुख राजीव कुमार तिवारी ने सैकड़ो गांव वालों के साथ जंगल के किनारे भ्रमण किया।इस दौरान बृजमोहन के सींचे हुए खेत मे तेंदुआ के पगचिन्ह मिले।जिसके बाद विधायक ने वनकर्मियों को जल्द ही पकड़ने का निर्देश दिया।इससे पहले बुधवार से ही वन विभाग की पांच टीमें हिंसक जानवर की तलाश में कांबिंग कर रही है। वन विभाग के राज बहादुर , फ़ियाजुल,नैपाल,ओम प्रकाश,राम सागर आदि लोगों की माने तो इन लोगों ने कहा कि जबसे काम्बिंग कर रहे है एक भी दिन कोई हिंसक जानवर नही दिखा।इन लोगों का ये भी कहना है कि जानवर चाहे जो हो लेकिन उससे कोई जनहानि नही होगी।
हैदराबाद के नवाब ने वर्ष 2009 में यहां मारा था हिंसक बाघिन।
रुदौली तहसील के सैदपुर क्षेत्र में सर्व प्रथम वर्ष 28 दिसम्बर 2008 में एक बाघ ने दस्तक देकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। 2 महीने तक इस बाघिन ने क्षेत्र में तमाम हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर लोगों का जीना हराम कर दिया था।जिसे पकड़ने के लिए वन विभाग के अफसरों ने ऑपरेशन टाइगर के स्पेशलिस्ट नवाब साहब को हैदराबाद से बुलाया था।लेकिन काफी प्रयास के बाद उसे वह भी पकड़ने में नाकाम रहे और 14 फरवरी 2009 को उन्होंने उस हिंसक बाघिन को अपनी बंदूक की गोली से मार गिराया था।
2013 में फिर हिंसक जानवर के आमद की उड़ी अफवाह।
बाघिन के मरने के लगभग 4 साल बाद सैदपुर क्षेत्र में एक बार फिर ग्रामीणों ने हिंसक जानवर के दस्तक देने की बात वन विभाग को बताई। जिसके बाद लगभग 2 महीने तक वन विभाग की टीम ने जंगल में कांबिंग कर जगह-जगह पिंजरे लगाए लेकिन कुछ भी पकड़ने में नाकाम रहे।उस समय लकड़बग्घा की बात बताते हुए वन विभाग ने भाग जाने की बात भी कही।लेकिन ग्रामीणों की माने तो उस समय भी हिंसक जानवर लकड़बग्घा नहीं बल्कि तेंदुआ ही रहा।
जंगलों व खेतो में दिखते रहे मृतक पशु।
बाघिन के मरने के बाद तहसील रुदौली क्षेत्र के सैदपुर वन ब्लॉक में जंगलों व गांव के आसपास खेतों में पालतू पशुओं व जंगली पशुओं के मृत शव अवसर मिलते रहे हर बार ग्रामीण किसी हिंसक जानवर के आमद होने की आशंका व्यक्त करते रहे। लेकिन वन विभाग के अफसर हर बार उसे पकड़ने के वजाय जंगली सियार आदि जानवरो द्वारा घटना को अंजाम देने की बात बताते रहे।लेकिन सैदपुर के प्रधान प्रतिनिधि व आसपास गांव के ग्रामीण ने इस बार दावा किया है कि सैदपुर के जंगल मे तेंदुवा व बाघ जैसे खतरनाक पशु ने अपना ठिकाना बना रखा।जो यदा कदा जंगल से निकलकर गांव की ओर रुख कर देते है पालतू पशुओं को अपना निवाला बनाते है।
चौदह सौ हेक्टेयर में फैला हुआ है जंगल।
जिले के अंतिम सीमा पर स्थित तहसील रुदौली का एक बड़ा भूभाग जंगलों के रूप में है यहां लगभग 1400 हेक्टेयर भूमि पर जंगल स्थित है जो आदि गंगा गोमती के किनारे होते हुए कुमारगंज क्षेत्र को जाता है।इन जंगलों में ही हिंसक जानवर अपना ठिकाना बनाते है।साथ ही कई बार ये जंगल चोर उचक्कों व बदमाशों के लिये भी मुफीद साबित हुआ है।सैदपुर क्षेत्र में ये जंगल काफी घना है जो दर्जनों गांवों के समीप से होकर गुजरा है।
रहे सतर्क और अफवाह से बचे-एसडीएम
सैदपुर क्षेत्र में हिंसक जानवर की आमद से ग्रामीण दहशत में है।एसडीएम टीपी वर्मा ने बताया जंगल मे तेंदुवा की बात बताई जा रही।सुरक्षा के इंतजाम किए गए है।मवई थाना प्रभारी विनोद यादव ने बताया ग्रामीण तेंदुए की बात बता रहे है और पगचिन्ह भी मिले है।चौकी क्षेत्र के जवानों व यूपी0 हंड्रेड की टीम को एलर्ट किया गया है।वन क्षेत्राधिकारी विक्रमजीत ने बताया कि जंगलों में काम्बिंग चल रही है।इन्होंने ग्रामीणों का आवाहन किया है।कि अफवाह से बचे और देर शाम को जंगलों की ओर न जाएं।
प्राकृतिक वास पर जंगल मे रह रहा तेंदुवा-डीएफओ
सैदपुर के जंगलों में विगत 5 दिनों से दहशत का माहौल पैदा करने वाला पशु बाघ नहीं बल्कि तेंदुआ है ऐसा “हिंदुस्तान” से खास बातचीत के दौरान जिले के प्रभागीय वनाधिकारी डॉ रवि कुमार ने बताया है।उन्होंने बताया की वर्ष 2012 से ही रुदौली व कुमारगंज के जंगल में एक तेंदुआ प्राकृतिक वास पर रहा है जो गणना में भी है।इससे कोई जनहानि अब तक नहीं हुई है।कभी कदार वह जंगल से बाहर निकलता है लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं करता।इस समय वह ग्रामीण क्षेत्र से दूर पुनः बीच जंगल में पहुंच गया है।इन्होंने बताया एहतियात के तौर पर सैदपुर क्षेत्र में वनकर्मियों की पांच अलग अलग टीमें असलहे से लैस होकर गांवों के आस पास काम्बिंग करते हुए सुरक्षा हेतु मुस्तैद है।
पांडेय पुरवा गांव समीप खेत मे संदिग्ध अवस्था मे विखरे मिले मांस।
मवई ! तहसील रुदौली के सैदपुर क्षेत्र में हिंसक जानवर को लेकर के जहां ग्रामीण भयभीत हैं वही अफवाहों का बाजार भी गर्म है।इतना ही नहीं एक खेत में तीन जगह पर दो दो सौ ग्राम मांस अलग अलग रखे मिले।इस मांस को देख ग्रामीण जहां हिंसक जानवर का कृत्य होने की आशंका व्यक्त कर रहे।वही मौके पर पहुंचे वनकर्मी फयाजुल ने बताया की जोते हुए खेत में मिले मांस को देखने से प्रतीत होता है कि जैसे उसको किसी ने रखा हुआ है उसी खेत के समीप एक बाग में भी मांस के कुछ टुकड़े विखरे मिले हैं।जबकि वहां आसपास किसी भी पशु के कोई पगचिन्ह नहीं देखने को मिले।इससे प्रतीत होता है कि कुछ लोग जानबूझकर ग्रामीणों में भय पैदा करना चाहते हैं।
नैय्यामऊ में चीतल का मिला अवशेष
सैदपुर के समीप नैय्यामऊ गांव के बाहर एक चीतल पशु का अवशेष मिलने से एक बार फिर हिसंक तेंदुवे द्वारा घटना को अंजाम देने की बात कही जा रही है।सूचना मिलते ही काम्बिंग करने वाली वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद है।वनकर्मी फयाजुल व राजबहादुर ने बताया कि यहां के जंगलों में हिरन की भांति चीतल पशु पाया जाता है।जिसे किसी हिंसक जानवर द्वारा शिकार बनाया गया है।अवशेष के रूप में केवल सर व चारों पैर के साथ सिर्फ रीढ़ की हड्डी ही बची है शेष पूरा मांस खा लिया गया है।मौके पर पशु चिकित्सक राजेश पाल पहुंचकर अवशेष का पीएम कर रहे है।