November 21, 2024

अयोध्या ! जिले की सीमा को कॉटेज के रूप में किया जाएगा विकसित-जस्टिस डीपी सिंह

0

जस्टिस डीपी सिंह ने प्रभागीय वनाधिकारी से कार्ययोजना तैयार कर मांगा प्रस्ताव।प्रभागीय वनाधिकारी डा रविकुमार ने क्षेत्रीय वनाधिकारी को दस दिन के अंदर कार्ययोजना बनाने के दिये निर्देश।अयोध्या ! जिले की अंतिम पश्चिमी सीमा को कॉटेज(टूरिस्ट स्पॉट) के रूप में विकसित करने की योजना बन रही रही है।यूपी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी के प्रेसिडेंट जस्टिस डा0 डीपी सिंह ने इसके लिये प्रभागीय वनाधिकारी डा0 रविकुमार को कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव भी मांगा है।यदि इस प्रस्ताव को शासन द्वारा मंजूरी मिल गई तो जिले की सीमा पर कर्तनिया घाट जैसा दृश्य जल्द ही दिखेगा।बता दे कि प्रभागीय वनाधिकारी डा0 रविकुमार व उप प्रभागीय वनाधिकारी डा0 एके सिंह ने विगत वर्ष काफी प्रयास कर जिले की सीमा पर स्थित अशरफपुर गंगरेला जंगल में एक मॉडल प्लांटेशन किया था।जिसे देखने के लिये पहुंचे यूपी के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी के प्रेसिडेंट जस्टिस डा0 डीपी सिंह वहां के वातावरण को देख काफी प्रसन्न दिखे।इन्होंने मॉडल प्लांटेशन देखने के साथ साथ कल्याणी नदी के किनारे स्थित अशरफपुर जंगल का भ्रमण किया।और तत्पश्चात उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी डा0 रवि कुमार को इस स्थल को कॉटेज(टूरिस्ट स्पॉट) के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया।जस्टिस डा0 डीपी सिंह ने कहा कि इस जंगल मे वन डिपो द्वारा बनवाये गए सभी आवास को सुसज्जित कर इसका सुन्दरीकरण कराने की एक कार्ययोजना तैयार करो और प्रस्ताव की फाइल दो।इन्होंने कहा वे स्वयं शासन में बात रखेंगे।”हिन्दुस्तान” से खास बातचीत के दौरान जस्टिस डा0 डीपी सिंह ने बताया कि वे इस समय नदियों को प्रदूषण मुक्त व अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर लगातार प्रयास कर रहे है।इन्होंने बताया कि राम की नगरी अयोध्या जिले की सीमा पर स्थित अशरफपुर गंगरेला जंगल को एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने पर अभी विचार चल रहा है।इसमें टूरिस्ट को रुकने खाने पीने की व्यवस्था भी की जाएगी।जंगल के किनारे से गुजरी कल्याणी नदी पर स्नानघाट आदि का निर्माण के अलावा इस स्थल को प्राकृतिक चित्रों से सजाया जाएगा जो लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करेगा।डीएफओ डा0 रविकुमार ने बताया क्षेत्रीय वनाधिकारी विक्रमजीत को कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है।साथ ही निर्देश के अनुरूप आज से ही इस स्थल को विकसित करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है।बाकी शासन से मंजूरी के बाद इसको पूर्ण रूप से कॉटेज के रूप में विकसित किया जाएगा।तमसा की प्यास बुझाएगी कल्याणीअशरफपुर जंगल का भ्रमण करने के बाद बसौड़ी पौधशाला पहुंचे जस्टिस डीपी सिंह बसौड़ी पौधशाला पहुंचे।और पौधशाला का निरीक्षण करते हुए प्रजातिवार पौधों के नाम व संख्या जानी।साथ ही निर्देश दिया कि पौधशाला पर शोभाकार,छायाकार,फल देने वाले पौध ज्यादा संख्या तैयार कर क्षेत्र में रोपण करें।यहां से डीएफओ एसडीओ के साथ जस्टिस डीपी सिंह सीधे तमसा नदी के उद्गम स्थल पर पहुंचे।यहां तीब्र गति से रही तमसा की खुदाई की जानकारी मिलते ही इस पुण्य के कार्य मे लगे डीएम कमिश्नर डीएफओ अन्य अधिकारियों की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया।इन्होंने कहा कि यदि इस नदी को कल्याणी नदी से जोड़ दिया जाय तो तमसा में भी कभी पानी की कमी नही होगी।इन्होंने बताया वे इन दोनों नदियों को आपस मे जोड़ने को लेकर जिले के अधिकारियों से बात करेंगे।ततपश्चात वे यहां से निकलकर जिला मुख्यालय की ओर रवाना हो गए।चीनी मिल से निकलने वाले गंदे पानी का नही होगा तमसा में प्रवेश।यूपी के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी के प्रेसिडेंट जस्टिस डा0 डीपी सिंह ने बातचीत के दौरान बताया कि रौजागांव चीनी मिल से निकलने वाले गंदे पानी को तमसा नदी में जाने पर पाबंदी लगा दी गई।इन्होंने कहा नदियों के पानी को अशुद्ध करने वाले सभी फैक्ट्री व मिलों को सख्त चेतावनी दे दी गई है।गंदा पानी व कचड़ा कदापि नदियों में नही गिरने दिया जाएगा।इन्होंने बताया मिल से निकलने वाले गंदे पानी को शुद्ध कर उसे खेती सिंचाई युक्त बनाया जाएगा।इससे नदियों का पानी भी शुद्ध रहेगा और किसान को अपने खेतों की सिचाई के लिये पानी भी मिल जाएगा।डीएफओ डा रवि कुमार ने बताया रौजागांव चीनी मिल समीप शीघ्र ही पानी फिल्टर करने वाले उपकरण को लगाया जाएगा।जो गंदे पानी को शुद्ध कर उसे कृषि योग्य बनाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

error: Content is protected !! © KKC News

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading