November 22, 2024

रूदौली के सुनबा में कहीं बढ़ तो नही रहा बिग कैट का कुनबा,एक स्वस्थ एक लंगड़े तेंदुए को देख ग्रामीण जता रहे दो तेंदुए की आशंका

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प्रभागीय वनाधिकारी डा0 रविकुमार ने बताया तेंदुआ एक है जो वर्ष 2012 से इस जंगल मे प्राकृतिक वास पर है।

रूदौली(अयोध्या) ! तहसील रुदौली के सैदपुर से लेकर कुमारगंज क्षेत्र तक जंगल से लेकर खेत खलिहानों में धमा चौकड़ी भरकर लोगों में भय पैदा करने वाला तेंदुआ एक ही है या फिर दो।ये संशय अभी बरकरार है।हालांकि जिले के प्रभागीय वनाधिकारी डॉ रवि कुमार सिंह का कहना है कि जंगल में एक ही तेंदुआ है जो वर्ष 2012 से गणना में है। लेकिन वहीं कुछ लोगों का कहना है जंगल में तेंदुआ दो है एक तेंदुआ एक पैर से लंगड़ा है जबकि दूसरा पूर्ण रूपेण स्वस्थ है।दोनों तेंदुआ को अलग अलग स्थानों पर देखा भी गया है।ऐसे में कही ऐसा तो नही कि सुनबा के जंगल में विग कैट प्रजाति के हिंसक जानवरों ने अपना कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया हो।
बता दे कि विगत दस दिन से तहसील रूदौली के सैदपुर के आस पास के गांवों में तेंदुआ दिखने से लोग भयभीत है।हालांकि अभी तक इस विग कैट प्रजाति के हिंसक तेंदुवे ने कोई जनहानि नही पहुंचाई है।वो जंगलों के वन्य जीव जन्तुओं को ही अपना आहार बनाया है।हां इतना जरूर है कि वो शिकार का पीछा करते हुए जंगल से निकलकर गांव के समीप खेत खलियानों तक जरूर आया है।जिसे ग्रामीणों सहित वनकर्मियों ने भी कई बार देखा है।इस हिंसक जानवर को लेकर अब तक ग्रामीणों के अलग अलग बयान सामने आ रहे है।सधई पुरवा की ग्रामीणों की माने तो पांच फुट लंबे व लगभग ढाई फुट ऊंचे इस हिंसक जानवर के शरीर पर धारीदार रेखा है।वही कुछ लोग चित्तीदार भी बता रहे है।कुछ लोग तो यहां तक कहते है कि इस जंगल मे दो हिंसक जानवर है एक तो एक पैर से लंगड़ा है जो तेज नही भागता पर दूसरा जो सड़क पार करते हुए बाग में गया वो पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है।ऐसे में ग्रामीण जंगल मे दो हिंसक जानवर होने का दावा करते है।नाम न छापने की शर्त पर क्षेत्र के कुछ वनकर्मी भी दबी जुबान से इस बात पर सहमति जता रहे है।हालांकि क्षेत्रीय वनाधिकारी विक्रमजीत अभी भी तेंदुआ होने की बात से ही साफ इंकार कर रहे है।इनका कहना है ये लैपर्ड व लकड़बग्घा हो सकता है।जबकि जिले प्रभागीय वनाधिकारी डा0 रविकुमार ने स्पष्ट कहा है कि जंगल में एक तेंदुआ है जो बीच मे शिकार का पीछा करते हुए गांव समीप पहुंच गया था।जो इस समय बकचुना के बीच जंगल मे अपने प्राकृतिक वास पर पहुंच गया है।वहां पर उसके लिये पर्याप्त जल के अलावा भोजन हेतु पर्याप्त वन्यजीव जंतु उपलब्ध है।किसी को डरने की जरूरत नही है।बस ग्रामीण अपनी सुरक्षा हेतु एहितयात बरतते रहे।फिरहाल वनकर्मीयों की टीम अभी तैनात है।

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