April 20, 2025

अयोध्या मामले में तारीख पर तारीख, नाराज संत बोले- ‘जिसे देंगे आशीर्वाद वही सत्ता पर होगा विराजमान’

1548660228108616533933361619122.jpeg

कोर्ट में राम मंदिर मामले की सुनवाई को लेकर संत समुदाय के साथ ही देश के करोड़ो लोगों की नज़र सुप्रीम कोर्ट की तरफ है. लेकिन ये मुद्दा कोर्ट में भी लम्बा खींचते दिख रहा है. आज 29 जनवरी को इस मसले की कोर्ट में सुनवाई होनी तय थी पर जस्टिस बोबडे के छुट्टी पर चले जाने के कारन सुनवाई अनिश्चित समय के लिए टल गई. कोर्ट में सुनवाई टालने से देश का साधू संत समाज बिहार नाराज़ है. साधू-संतों का कहना है इस तरह देरी करने से तमाम हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है.

बता दें की राम मंदिर मसले पर विशेष सुनाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने 5 जजों की बेंच का गठन किया था. इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं. सुनवाई आज 29 जानवरी को होना तय हुआ था. लेकिन लास्ट मोमेंट पर जस्टिस बोबडे छुट्टी पर चले गए जिसके चलते आज भी सुनवाई टल गई. निअभी श्चित नहीं हुआ की अगली सुनवाई कब होगी.

इस मामले में एक निजी टीवी चैनल से रामलला के मुख्य पुजारी ने कहा है कि जिस प्रकार से तारीख पर तारीख बढ़ रही है, इससे ये साफ दिख रहा है कि जल्दी न्याय नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इतना अहम मामला है और जज छुट्टी पर जा रहे हैं, कोर्ट का बार-बार इस मसले को टालना दुखद है. एक पक्ष मामले की तारीख आगे बढ़ने से नाराज हैं जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि कोर्ट का सम्मान होना चाहिए.

बाबरी मस्जिद पक्ष के इकबाल अंसारी ने कहा कि तारीख आगे बढ़ना कोई नई बात नहीं है, ये होता रहता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी की कोर्ट या सरकार से नाराजगी है तो रहे, इससे न्यायिक प्रक्रिया पर फर्क नहीं पड़ता है.

प्रयागराज में एक निजी टीवी चैनल से बात करते हुए संतों ने कहा कि जिसपर संतों का आशीर्वाद होगा, वही व्यक्ति ही सत्ता पर विराजमान होगा. संतों के मुताबिक, अब चाणक्य नीति के अनुसार नए राजा का चयन होगा, जो राम मंदिर का निर्माण करेगा. होगा. संतों के मुताबिक, अब चाणक्य नीति के अनुसार नए राजा का चयन होगा, जो राम मंदिर का निर्माण करेगा.

गौरतलब है कि इससे पहले 10 जनवरी को मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन बाबरी मस्जिद के वकील द्वारा पीठ पर सवाल खड़े किए गए. जिसके बाद जस्टिस यूयू ललित ने खुद को मामले से अलग किया और चीफ जस्टिस को नई बेंच का गठन करना पड़ा.

कैसे मिलती रही तारीख पर तारीख

29 अक्टूबर, 2018 – सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जनवरी, 2019 को सुनने की बात कही.

04 जनवरी, 2019 – सिर्फ 60 सेकंड में ही नई तारीख 10 जनवरी दे दी गई.

8 जनवरी, 2019 – चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नई बेंच का गठन किया.

10 जनवरी, 2019 – बेंच में जस्टिस यूयू ललित की मौजूदगी पर वकील ने खड़े किए सवाल, 29 जनवरी के लिए सुनवाई टली.

27 जनवरी, 2019 – जस्टिस बोगडे छुट्टी पर, 29 जनवरी को नहीं होगी सुनवाई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading