शर्मसार : लखनऊ में निर्लज माता-पिता ने 15 दिन की मासूम को सड़क किनारे फेंका
लखनऊ में कड़ाके की ठण्ड और 15 दिन की मासूम बच्ची की सड़क किनारे रोने की आवाज़. जिसे ये भी नहीं मालूम की दुनिया क्या है. हवा क्या है. पानी क्या है. मां-बाप कौन होते हैं. और तो और बच्ची सड़क पर सिसकियां भर अपने माता पिता से यही पूछ रही होगी क्यूँ छोड़ गए मुझे सड़क किनारे ? मेरी क्या गलती थी ? आपका दिल जरा भी ऐसा करते नहीं पसीजा ? कितने अरमान लिए अपने मुझे जन्म दिया होगा क्या मुझे सड़क किनारे फेकने से वो अरमान आपके पूरे हो गए ? ताउम्र मासूम इन सवालों का जवाब मांगेगी पर इसका जवाब कोई भी नहीं दे पायेगा.
महानगर में सचिवालय कॉलोनी के पास 15 दिन की मासूम कपडे में लिपटी पड़ी थी. कड़ाके की ठण्ड में मासूम सड़क पर सिसकियां भर रही थी. जब लोगों के कान तक ये आवाज़ पहुंची तो भीड़ जुट गई. वहां जुटे लोगों ने मासूम को उठाया दुलारा सीने से लगाया तब जाकर उसको गर्माहट मिली और वो चुप हुई.
लोगों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने पहुंच मासूम को जैकेट से लपेटा और चाइल्ड लाइन को सौंप दिया.
महानगर में सचिवालय कॉलोनी के पास 15 दिन की मासूम कपडे में लिपटी पड़ी थी. एक स्थानीय बच्ची ने पुलिस को इस बात की सूचना दी. उसका नाम उमा यादव है. बाल कल्याण समिति की सदस्य सुधारानी ने बताया कि बच्ची को चिकित्सीय परीक्षण व इलाज के लिए झलकारी बाई अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके बाद उसे प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बालगृह शिशु में आश्रय दिया जाएगा.
पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बच्ची को जैकेट में लपेटा और ठण्ड से बचाने के लिए थाने ले आये. पुलिस इलाके के cctv फुटेज को खंगाल रही है. पुलिस का कहना है मासूम को फेकने वालों के साथ सख्त से सख्त करवाई की जाएगी. इस घटना को अंजाम देने वालों का हम पता लगा रहे हैं. पुलिस का मनना है की शाम में अँधेरा होने के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया होगा. पुलिस उस दौरान सीसीटीवी के माध्यम से संदिग्धों को चिन्हित कर रही है. पुलिस का कहा है हो सकता है किसी वाहन से बच्ची को यहाँ लाया गया हो. साथ हो प्राइवेट अस्पतालों में भी छानबीन की जाएगी.