कुंभ के भव्य आयोजन पर खुद की पीठ थपथपाने वाली योगी सरकार कानपुर से भेज रही जहर
कानपुर: उत्तर प्रदेश में सीएम योगी की सरकार कुंभ के भव्य आयोजन पर अपनी पीठ थपथपा रही है। और थपथपाए भी क्यों ना, रिकॉर्ड करोङों श्रद्धालु कुंभ में आस्था की डुबकी जो लगा रहे है।लेकिन क्या आप जानते है कि कुंभ में आस्था की डुबकी में जहर मिला हुआ है और ये जहर कुंभ में आपके कानपुर से लगातार भेजा जा रहा है।
गंगाजल को शुद्ध और पवित्र करने के लिए सीएम योगी और पीएम मोदी की सरकार के तमाम प्रयास फेल होते नजर आ रहे हैं। जिसके चलते कुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं को प्रदूषित जल में डुबकी लगाने के लिए जलकल मजबूर कर रहा है। इन सबमें सबसे बड़ी बात ये है कि जलकल ये ‘पाप’ खुलेआम कर रहा है। जलकल गंगा में प्रदूषित पानी छोड़ने का ‘पाप’ सप्ताह में 5 दिन कर रहा है।
सीएम योगी के सख्त आदेशों के बावजूद जलकल गंगा में प्रदूषित पानी छोड़ रहा है। इसको लेकर जल निगम ने अपनी कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई है।जलकल की ओर से बेनाझाबर पंपिंग स्टेशन से आए दिन पीक ऑवर में सेटलिंग टैंक की सफाई कर मिट्टी और सिल्ट के अलावा खतरनाक केमिकल युक्त पानी सीसामऊ नाले में छोड़ा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक माने तो सप्ताह में 8 करोड़ लीटर प्रदूषित पानी गंगा में रोक के बाद भी प्रवाहित किया जा रहा है। इस पर कमिश्नर से लेकर शासन तक में शिकायत हो चुकी है। कुंभ के दौरान भी प्रदूषित पानी गंगा में प्रवाहित किया जाता रहा।
नवाबगंज, बाबाघाट और परमट सीवेज पंपिंग स्टेशन का संचालन जलकल द्वारा किया जाता है। लेकिन इन पंपों के संचालन में जलकल द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। नवाबगंज पंपिंग स्टेशन में 7 पंप हैं, लेकिन 3 पंप ही चलते हैं। वहीं बाबा घाट नाला पंपिंग स्टेशन में 3 पंप लगे हैं, जिसमें 1 खराब है। इसकी वजह से म्योर मिल नाला ओवर फ्लो होकर गंगा में गिर रहा है। इसी प्रकार परमट पंपिंग स्टेशन में 100 हॉर्सपॉवर के 2 और 125 हॉर्सपॉवर के 2 पंप लगे हैं। जल निगम जीएम के निरीक्षण के दौरान सभी पंप बंद पाए गए और परमट नाला गंगा में गिरता हुआ पाया गया।
इस पर आरके अग्रवाल (जीएम, जल निगम) द्वारा जानकारी दी गयी कि जलकल द्वारा आए दिन सीसामऊ नाले में बेनाझाबर स्थित जल शोधित संयंत्र का प्रदूषित पानी गंगा में छोड़ा जाता है। पीक ऑवर में पानी छोड़ने की वजह से सीसामऊ नाला ओवरफ्लो होकर गंगा में गिरने लगता है। पंपिंग स्टेशनों का सही तरीके से संचालन भी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में कुंभ में प्रदूषित पानी पहुंच रहा है।