प्रियंका के आगमन अट्टहास से चौकन्नी हुई भाजपा,बेचैनी में महागठबंधन,कांग्रेसियों में जोश-kk द्विवेदी ब्यूरो रिपोर्ट
भाई राहुल को आस ,बहना धो डालेगी असफलता का दाग।
कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)
लखनऊ। कांग्रेस की नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का प्रथम लखनऊ दौरा विरोधियों पर प्रचंड प्रहार नजर आया ।तो कांग्रेस की असफलता के अंगारों पर भी प्रियंका के दहकते सियासी शोले भारी पड़ते दिखे। वहीं दूसरी ओर सपा एवं बसपा के कान भी रोड शो की प्रचंडता से खड़े हो उठे। जबकि भगवा परिवार इसे लेकर सतर्क हो उठा है।उत्तर प्रदेश में वर्षों से असफलता के अंगारों पर यात्रा करती कांग्रेश के लिए आज का दिन राहत भरा था ।लखनऊ में काफी समय के बाद कांग्रेस एवं कांग्रेसियों में गजब का उत्साह दिख रहा था ।हर तरफ कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने नेताओं का जिंदाबाद कर रहे थे। इसके साथ ही चौकीदार चोर है के नारे भी लगा रहे थे। जाहिर है कि कांग्रेसियों में जहां नेता ज्यादा है कार्यकर्ता कम है वहां यदि बदला हुआ स्वरूप प्रकट हो रहा था तो उसका एकमात्र कारण थी कांग्रेस की नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा। बीते कई दिनों से पूरा कांग्रेसी परिवार अपनी इस संकटमोचक नेता की प्रतीक्षा में आंखे बिछाए हुए बैठा था ।अमौसी हवाई अड्डे से लेकर के कांग्रेस कार्यालय तक रोड शो के मार्गों को कांग्रेसी पोस्टर ,बैनर, होर्डिंग से पाट दिया गया था। बातचीत में स्पष्ट हो रहा था कि कांग्रेसियों में यह विश्वास काफी दिनों से था कि प्रियंका ही कांग्रेस को उसके उच्च शिखर तक ले जा सकती हैं। क्योंकि उनमे स्वर्गीय इंदिरा गांधी की छवि के अक्स नजर आते हैं।आज सोमवार को जब अपने तयशुदा समय पर प्रियंका गांधी अपने भाई कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लखनऊ की सरजमी पर पहुंची तो यह सूचना मिलते ही कांग्रेसियों का उत्साह आसमान को छूने लगा। उत्तर प्रदेश की राजधानी में प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर एवं कांग्रेस की राजनीति में धूमकेतु की तरह उभरे डा पी एल पुनिया सहित कई अन्य नेता भी कार्यकर्ताओं को संभालने एवं प्रियंका गांधी तथा राहुल गांधी के स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे थे। जिस समय नवनियुक्त महासचिव अपने रोड शो वाहन पर नेताओं के साथ सवार हुई उसके बाद तो बस ऐसा नजर आ रहा था जैसे प्रियंका ने देश का ताज जीत लिया हो। कांग्रेसियों सरगर्मी गजब से अजब हो चली थी ।हर तरफ बस प्रियंका को कांग्रेस की गांधी एवं उसकी सफलता की आंधी बताया जा रहा था। राहुल गांधी ने जब राफेल का चिन्ह हाथों में उठाया तो कांग्रेसी अपने को रोक ना सके और फिर सभी चौकीदार चोर है के नारे लगाने लगे ।यह स्थिति कांग्रेसियों में प्रदेश कार्यालय तक बनी रही ।दर्जनों स्वागत मंच, हजारों झंडे इसके अलावा तमाम उमड़े कांग्रेसियों की आमद यह बता रही थी कि सपा एवं बसपा ने कांग्रेस को कम आक कर कोई बड़ी गलती तो नहीं कर दी?सूत्रों के मुताबिक भाजपा हो या सपा अथवा बसपा सभी के दरबारों में बैठे रणनीतिकार प्रियंका के रोड शो पर अपनी नजरे जमाए हुए थे ।सियासी मुखबिर अपने अपने सियासी आकाओं को रोड शो की सफलता एवं उसकी कमियों तथा सफलता पर पल-पल की रिपोर्ट दे रहे थे ?खुफिया विभाग भी सक्रिय था। तो वही कांग्रेस के विरोधी दलों के दरबारों में यह चर्चा बढ़ रही थी कि कहीं न कहीं कांग्रेस अब जरूर फ्रंट फुट पर खेलती दिखाई देगी ।गैर कांग्रेसी दलों के नेता आज अगर कहीं बैठे थे तो उन में चर्चा प्रियंका को लेकर ही अपवाद छोड़कर हो रही थी। जाहिर था कि प्रियंका कांग्रेस तो कांग्रेस बल्कि भाजपा, सपा बसपा व अन्य छोटे दलों के कार्यालयों में भी छाई हुई थी ।दावा किया जा रहा था कि प्रियंका ने आज लखनऊ में रोड शो करने के बाद कांग्रेसियों में तो दम भरा ही अलबत्ता सोशल मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया में भी चर्चा का केंद्र बनी रही। जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों को कुछेक चैनलों ने सेकंड लाइन पर रखा ?जहां तक सवाल है भाजपा एवं संघ परिवार का प्रियंका के रोड शो की आंधी से सतर्क होता नजर आया।भगवा सूत्रों के मुताबिक भगवा परिवार इस बात से तो राहत में है कि यदि प्रियंका के आने से कांग्रेस बढेंगी तो उसका ज्यादा नुकसान सपा एवं बसपा को होगा। लेकिन वह इस बात पर भी गंभीर है कि घाटा भाजपा को भी हो सकता है! खबर है कि भगवा परिवार प्रियंका गांधी वाड्रा से निपटने के लिए अन्य कई रणनीतियों पर भी विचार कर रहा है ?तो कई मुद्दों पर विचार कर भी चुका है। वहीं दूसरी ओर सपा एवं बसपा के कार्यालयों में बैठे नेता चर्चा के दौरान आज यह कहते सुने गए कि कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल ना करना कहीं सपा बसपा के लिए भारी न पड़ जाए। यदि ऐसा होता है तो इसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा।उधर भाई-बहन बहन की जोड़ी के लखनऊ आगमन के बाद कांग्रेस के भाग्य में बैठे असफलता के अंगारे भी प्रियंका के सियासी शोलों से भयभीत होते नजर आए। कांग्रेस महासचिव का लखनऊ प्रथम दौरा वास्तव में उस प्रचंडता का प्रतीक था। जिसकी रायशुमारी कांग्रेसी स्वयं किया करते थे ।प्रचंड प्रहार करके प्रियंका ने गैर कांग्रेसी दलों को कहीं न कहीं संदेश दे डाला है कि सँभलो शाहजी ,सँभलो सरकार अब कांग्रेस करेगी प्रचंड प्रहार।राष्ट्रीय महासचिव का स्वागत करने के लिए बनारस से आए हुए कांग्रेसियों ने स्पष्ट कहा कि प्रियंका को प्रधानमंत्री मोदी के सामने बनारस से चुनाव लड़ना चाहिए ।यह बात अमेठी एवं रायबरेली के कांग्रेसियों को बर्दाश्त ना हुई तो उनमें से कई बोल पड़े नहीं नहीं । दीदी के लिए अपने घर ही ठीक हैं। स्पष्ट है कि कांग्रेस को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उनके हमलो का जवाब देने के लिए प्रियंका गांधी मौजूद है। हां अब प्रियंका अपने लखनऊ प्रवास के दौरान कांग्रेस की मजबूती के लिए कौन से कदम उठाती हैं फिलहाल इसके लिए करना होगा अभी इंतजार??