शराब तस्करी के शक में रोकी सफारी, मिली AK 47 और 1200 गोलियां
यूपी और उत्तराखण्ड में जहरीली शराब से 100 से अधिक लोगों की मौत होने की खबर ने हर प्रदेश को सकते में डाल दिया है. इसी को लेकर जहाँ यूपी में शराब तस्करों को लेकर पुलिस एक्टिव है वैसे ही निकटवर्ती राज्य बिहार में भी पुलिस ने शारब तस्करों को लेकर व्यवस्थाएं चाक चौबंध कर रखी हैं. बिहार में शराब बंदी होने के कारण भी शराब तस्करी कुछ ज्यादा ही है. ऐसे में बिहार पुलिस और कस्टम विभाग शराब तस्करों पर पैनी नजर बनाए हुए है. इसी कड़ी में बिहार के पूर्णिया में जब एक कार को रौका गया और उसकी चैकिंग की गई तो सभी की आंखे खुली की खुली रह गई. कस्टम और पुलिस वालों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई.
एक निजी चैनल की वेबसाइट पर छपी खबर और उनको सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कस्टम विभाग को शक था कि इस गाड़ी में शराब की तस्करी की जा रही है, लेकिन जब उसको रोककर उसकी जांच की गई तो तो उसमें से हथियारों का जखीरा निकला. संभावना जताई जा रही है कि इन हथियारों का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव से पहले हिंसक वारदातों को अंजाम देने के लिए किया जाना था. पकड़ी गई इस सफारी गाड़ी के अंदर हथियार छिपा कर रखे हुए थे. हथियार भी कोई छोटे-मोटे नहीं थे बल्कि एक Ak 47 और दो UBGL गन थी. गाड़ी से AK 47 और दो UBGL गन के साथ 1200 जिंदा कारतूस भी बरामद किए है. इन हथियारों और भारी मात्रा में गोलियों के पकड़े जाने से एक बड़ी वारदात को अंजाम देने से पहले रोक दिया गया.
इस बारे में पूर्णिया एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि ये सभी हथियार म्यांमार के बने हुए हैं. इसकी सप्लाई पटना में मुकेश को करनी थी, लेकिन उससे पहले ही दालकोला चेकपोस्ट पर सूरज, वीआर कहोरगम और क्लियरसन काऊ की पूर्णिया से गिरफ्तारी हुई जिन्होंने गाड़ी में हथियारों की बात कबूल की. हथियारों के साथ आरोपियों को पकड़ लिया गया, लेकिन उनसे पूछताछ नहीं हो पाई थी. पूछताछ और सारे सबूतों को जानने के बाद ये मामला 10 फरवरी को शाम को मीडिया के सामने आया जब पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सिलसिलेवार हर सवाल का जवाब दिया.