जिंदगी की जंग हार गए जंगली प्रसाद यादव,120 साल की उम्र में नंगे पांव 2 किलोमीटर की करते थे मॉर्निंग वॉक
व्यायाम और मार्निग वॉक को बताते थे बीमारियों के लिए हथियार
राकेश यादव की रिपोर्ट
मवई(अयोध्या) ! भौतिक संसाधनो से दूर होकर प्राकृतिक तौर तरीकों से गांव को स्वस्थ बनाने वाले जंगली प्रसाद शनिवार को खुद जिंदगी की जंग
हार गए।मौत की खबर के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।शनिवार को घर पर भारी भीड़ रही।हर किसी की जुबान पर बुजुर्ग द्वारा की गई मेहनत और हिम्मत तथा साहसिक कार्यो की बाते बरबस आ जाती थी लेकिन हर कोई बेबस नजर आ रहा था।
जंगली प्रसाद का जन्म 120 साल पहले मवई गांव में हुआ था।बताते है कि जब देश मे अंग्रेजो का अधिपत्य स्थापित हो चुका था।मवई में तमाम लोगों को प्रशासन प्रताणित कर रहा था तब उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया और ग्रामीणों के साथ मिलकर अंग्रेज अधिकारी को लाठी डंडे लेकर दौड़ा लिया।बताते हैं कि एक बार बरौली स्टेट के जमींदार महन्दी हसन सिपहिया के रास्ते जा रहे थे जिन्होंने चैलेंज किया कि उनकी हाथी को कोई रोक नहीं सकता जिसे उन्होंने रोककर उनके अभिमान को तोड़ दिया और उन्हें रास्ता बदलकर जाना पड़ा।ग्रामीण बताते है कि वे भौतिक संसाधनो से बहुत दूर रहते थे और नंगे पांव इतनी बड़ी उम्र में भी 2 किलोमीटर की सैर सुबह करते थे और गांव वालों को भी प्राकृतिक तौर तरीकों को अपनाने की सलाह देते रहे।व्यायाम और योग को हर बीमारी का दुश्मन बताते थे।और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हथियार बताते थे।जिसे अपनाने के लिए ग्रामीणों को वर्षो पहले से प्रेरित करते रहे।तमाम तरह की यातनाए और झमेलों को झेलते रहे लेकिन कभी भी हार नही मानी।अपने पीछे वे तीन पुत्र और दर्जनों पौत्र को छोड़ गए।वे करीब एक माह से बीमार चल रहे थे कि शुक्रवार की रात अचानक उनके प्राण पखेरू उड़ गए।ग्रामीण बताते है कि दादा 120 साल की उम्र में भी कड़ाके की ठंडक में 2 किलोमीटर मार्निग वाक करने लाठी के सहारे से जाते थे।वे अब इस दुनिया मे नही रहे पर उनके कामो को भुलाया नही जा सकेगा ।वे सभी के दिलो में अमर हो चुके है।लाठी लेकर डगर डगर चलना और मिलते ही नमस्कार करना फिर बहुत ऊची आवाज में आशीर्वाद प्रदान करना भूल नही पा रहे।अंतिम संस्कार गांव में हुआ जिसमें भारी भीड़ जुट गई जिसमें मवई ब्लाक,थाना,सीएचसी के तमाम कर्मचारियों सहित रुदौली विधायक पुत्र अलोकचन्द्र,एलटी नरसिंह,मास्टर राजकरन यादव,दिनेश यादव,भानु प्रताप,सर्वेश जायसवाल समेत तमाम लोग सांत्वना देने के लिए जंगली प्रसाद के घर पहुचे और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।इससे पहले उनकी मौत की सूचना पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मवई पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ रविकांत वर्मा और कर्मचारियों ने आत्मा की शांति के लिए मौन ब्रत रखा ।