आधी सीट पर क्यों मान गए अखिलेश, ख़त्म हो जाएगी पार्टी: मुलायम सिंह यादव
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने बसपा से गठबंधन को लेकर एक बार फिर अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं से बातचीत में मुलायम ने कहा कि गठबंधन कर आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. आधा यूपी तो पहले ही हार गए. मुलायम ने कहा कि जब वे रक्षा मंत्री थे तो सपा ने 42 सीटें जीतीं थी. मुलायम ने कहा कि 2019 में बीजेपी को बढ़त दिख रही है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को उसी के लोग खत्म कर रहे हैं.
मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं से साफ किया कि यूपी में एसपी की लड़ाई सीधे बीजेपी से है, लड़ाई में तीसरा कोई दल नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अखिलेश ने अब बीएसपी से गठबंधन कर लिया है और सुनने में आ रहा है कि सीटें आधी रह गई हैं. आधी सीट होने से हमारे अपने लोग तो खत्म हो गए. कोई मुझे बताए कि सीटें आधी किस आधार पर रह गई.’
अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया
उन्होंने कहा, ‘गठबंधन को लेकर मैं बात करता तो समझ में आता लेकिन अब लोग कह रहे है कि लड़का बात करके चला गया.’ बीएसपी के साथ गठबंधन करने और आधी सीटों पर सहमति देने पर मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराया. मुलायम सिंह ने कहा कि एसपी को अपनी ही पार्टी के लोग खत्म कर रहे हैं. अकेले अपने दम पर पार्टी ने तीन बार सरकार बनाई है लेकिन यहां तो लड़ने से पहले ही आधी सीटें दे दी गई हैं. हम राजनीति नहीं कर रहे हैं लेकिन हम सही बात रख रहे हैं.
छलका मुलायम का दर्द
कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान मुलायम का दर्द छलक गया. उन्होंने कहा, ” टिकट बांटने में देरी कर रहे हैं लोग. मुझे नाम दिया गया है संरक्षक और क्या काम करना है लिखा ही नहीं. जो लोग लड़ना चाहते हैं वह लिखकर दें, मैं तुरंत टिकट दूंगा.” मुलायम सिंह ने कहा कि फिलहाल लग रहा है कि बीजेपी लोकसभा चुनावों में आगे चल रही है. सपा अभी पीछे है.
मुलायम ने कहा कि जब मैं रक्षा मंत्री था तो 42 सीटें जीता था. मीडिया को सम्मान देना पड़ेगा मीडिया का भी बड़ा रोल है. हम बोलेंगे तो छापेगा कौन. मीडिया की उपेक्षा हमारे पार्टी के लोग बहुत करते हैं. मीडिया आ जाए तो अच्छा है. हमारा प्रचार होगा. आपसे मैं कहना चाहता हूं चुनाव के दिन बहुत नहीं है कैसी तैयारी है अभी तक हमें कुछ लोगों ने नाम दिए हैं रामगोपाल को भी नाम दे रहे हैं. शिवपाल को भी दे रहे हैं और अखिलेश को भी दे रहे हैं. शिवपाल ने तो अलग पार्टी बना ली है तो हमें दीजिए राम गोपाल को दीजिए हम दोनों मिलकर तय करेंगे कि कौन लड़ेगा और कौन जीतेगा. आप लोग नाम नहीं दे रहे हैं.
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जब अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था तब भी मुलायम सिंह ने सवाल एतराज जाहिर किया था. इतना ही नहीं वो शिवपाल यादव और पारसनाथ यादव की सीट को छोड़कर किसी भी अन्य सीट पर प्रचार करने नहीं गए थे.
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब मुलायम ने अखिलेश यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कि हों इससे पहले 16वीं लोकसभा के आखिरी दिन मुलायम ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने सबके साथ मिलजुलकर काम किया है, सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया है. प्रधानमंत्री मोदी को हमारी बधाई और हमारी कामना है कि वह फिर से चुनकर आएं और प्रधानमंत्री बनें.