अखिलेश ने टिकट का बंटवारा किया, तो मैं उसे रद्द भी कर सकता हूं:मुलायम सिंह
लखनऊ : सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा चुनाव का आगाज होने से पहले ही पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर गुरुवार को अपनी दिखा दी है. उन्होंने पार्टी के टिकटार्थियों को हिदायत देते हुए कहा है कि जिन्हें सपा का टिकट चाहिए, उन्हें मेरे पास आवेदन देना होगा. इसके साथ ही उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी चेतावनी दी है कि यदि अखिलेश ने टिकट का बंटवारा किया, तो मैं उसे रद्द भी कर सकता हूं.
बसपा के साथ सपा के गठबंधन पर अप्रसन्नता जाहिर करते हुए मुलायम ने सपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब उन्होंने (अखिलेश यादव) मायावती के साथ आधी सीटों पर गठबंधन किया है. आधी सीटें देने का आधार क्या है? अब हमारे पास केवल आधी सीटें रह गयी हैं. हमारी पार्टी कहीं अधिक दमदार है. उन्होंने कहा कि हम सशक्त हैं, लेकिन हमारे लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं. हमने कितनी सशक्त पार्टी बनायी थी और मैं मुख्यमंत्री बना और रक्षा मंत्री भी बना. मुलायम ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोकसभा चुनाव में टिकट के लिए उन्हें आवेदन दें. उन्होंने कहा, आपमें से कितनों ने मुझे आवेदन दिया? किसी ने नहीं. तब टिकट कैसे पाओगे? अखिलेश टिकट देंगे, लेकिन मैं उसे बदल सकता हूं.
भाजपा की प्रशंसा करते हुए मुलायम ने कहा कि भाजपा की चुनावी तैयारी बेहतर है. सपा प्रत्याशियों के नाम जल्द घोषित होने चाहिए ताकि वे अपने क्षेत्र में जाकर जमीनी कार्य कर सकें. मुलायम ने बीते दिनों लोकसभा में यह बयान देकर राजनीतिक हलकों में सरगर्मी तेज कर दी थी कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने हर किसी को साथ लेकर चलने का प्रयास किया. मुझे आशा है कि सभी सदस्य जीतेंगे और वापस आयेंगे और आप (मोदी) फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे. मुलायम के पुत्र अखिलेश यादव ने कभी सपा की धुर विरोधी रही बसपा के साथ गठबंधन किया है. उन्होंने कहा, गठबंधन को लेकर मैं बात करता तो समझ में आता, लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि लड़का (अखिलेश यादव) बात करके चला गया. बसपा के साथ गठबंधन करने और आधी सीटों पर सहमति देने पर मुलायम ने अखिलेश को जिम्मेदार ठहराया. यहां तो हमने लड़ने से पहले ही आधी सीटें दे दी.
गौरतलब है कि पिछले दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बसपा मुखिया मायावती ने गठबंधन की घोषणा की थी. दोनों दलों के बीच बनी सहमति के अनुसार उत्तरप्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 पर सपा और बसपा चुनाव लड़ेंगी. इस गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा गया है, लेकिन गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी और रायबरेली में गठबंधन अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा. मायावती ने कहा था कि बाकी दो सीटें अन्य दलों के लिए रखी गयी हैं. मायावती ने कहा था, उनकी पार्टी ने जनहित में सपा के साथ गठबंधन का फैसला किया. लोहियाजी के रास्ते पर चल रही समाजवादी पार्टी के साथ 1993 में मान्यवर कांशीराम और मुलायम सिंह यादव द्वारा गठबंधन करके चुनाव लड़ा गया था.