पर्रिकर के निधन के बाद सरकार पर मंडराया खतराक्या BJP के हाथ से निकल जाएगा गोवा?
मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा में एक बार फिर राजनीतिक संकट गहरा गया है। कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार बनाने का दावा कर दिया है। इस संबंध में कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पत्र लिखा है। वहीं बीजेपी को अब नए नेता की तलाश करनी होगी। पर्रिकर के निधन के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों की अपने-अपने विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें हुईं।
वहीं पर्रिकर के निधन की खबर आने के बाद गठबंधन सहयोगी दलों ने भी आपात बैठकें बुलाईं। विजय सरदेसाई के नेतृत्व वाले गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायक और एमजीपी के तीन विधायकों ने अलग-अलग बैठकें कीं। गोवा कांग्रेस के नेता जी चोडनकर और सी कवलकर ने गोवा के राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा किया है। पत्र में लिखा है, ‘पर्रिकर के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने भाजपा के साथ इस शर्त पर गठबंधन किया था कि सरकार मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में हो। भाजपा के पास अब तक कोई सहयोगी नहीं है।’
कांग्रेस वर्तमान में 14 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है जबकि मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में भाजपा के पास अब 12 विधायक हैं। गोवा फॉरवर्ड पार्टी, MGP और निर्दलीय के पास तीन विधायक हैं, जबकि NCP का एक विधायक है।
पर्रिकर गोवा में एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे जिसमें भाजपा, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय शामिल हैं। पणजी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत होगी। मुख्यमंत्री पर्रिकर के निधन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना नेता चुनने के बाद राज्यपाल के समक्ष दावा पेश करना होगा। इसमें समर्थन का पत्र भी होगा। यदि राज्यपाल मृदुला सिन्हा आश्वस्त नहीं होती हैं तो उन्हें सरकार बनाने के लिए अकेली सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना होगा