आतंक के खिलाफ मोदी सरकार का कड़ा कदम, यासीन मलिक के JKLF को बैन किया
दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अलगाववादियों के खिलाफ कड़े कदम के तहत यासीन मलिक के संगठन JKLF पर प्रतिबंध लगा दिया है। JKLF के खिलाफ यह कार्रवाई आतंकी विरोधी कानून के तहत की गई है। कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक भारत में पाकिस्तान के मोहरे हैं जो कश्मीर में अलगाव और आतंक फैलाने के लिए उनके इशारे पर कार्य करते हैं।
पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने अलगाववादियों के कड़े कदम उठाए हैं। कई अलगाववादियों को गिरफ्तार किया गया। अलगाववादियों की फंडिंग के खिलाफ ईडी ने कड़ी कारर्वाई की है। इस कड़ी में ईडी ने यासीन मलिक के कई ठिकानों पर भी छापेमारी की थी।
इससे पहले 28 फरवरी को केंद्र की मोदी सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (JEI) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। इसके तहत गृह मंत्रालय की कार्रवाई में जेईआइ के प्रमुख हामिद फैयाज सहित 350 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
फरवरी में अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई थी
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकार ऐक्शन में आ गई है। इससे पहले फरवरी में ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी कड़ा निर्णय लेते हुए 6 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और गाड़ी सब वापस लेने का फैसला किया था। इन नेताओं पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती थी और वे ऐश की जिंदगी जीते थे।
1990 और 2002 में बड़े अलगाववादी नेता मीरवाइज फारूख और अब्दुल गनी लोन पर हमले के बाद सरकार ने अलगाववादियों को सुरक्षा देना शुरू किया था। सरकार अलगाववादियों पर साल में करीब 14 करोड़ रुपये खर्च करती है। 11 करोड़ सुरक्षा, 2 करोड़ विदेशी दौरे और 50 लाख गाड़ियों पर खर्च होते हैं। करीब 600 जवान सुरक्षा में लगे रहते हैं।
साल 2018 में जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2008 से लेकर 2017 तक अलगाववादियों को सुरक्षा मुहैया करवाने पर 10.88 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
हाल ही में गृह मंत्रालय के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 22 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं वापस ले ली गई थी। साथ ही घाटी के 155 नेताओं को दी गई सुरक्षा में बदलाव किया था। इस सूची में भी यासीन मलिक का नाम शामिल था. हालांकि, उस दौरान यासीन मलिक ने कहा था कि सरकार ने उसे कोई सुरक्षा दी ही नहीं थी।
अलगाववादी नेताओं पर केंद्र की कार्रवाई लगातार जारी है। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के ठिकानों पर अवैध तरीके से विदेशी मुद्रा रखने के आरोप में छापेमारी की गई, जिसके बाद गिलानी पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था साथ ही करीब 6.88 लाख रुपये कुर्क भी किए गए थे।
ईडी सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी कि गिलानी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के पूर्व अध्यक्ष यासीन मलिक पर भी कार्रवाई कर सकती है,उनकी अवैध तरीके से रखी गई विदेशी मुद्रा जब्त की जाएगी।