Kkc राजरंग !महज संयोग या फिर राजनीतिक साजिश-रिपोर्ट-प्रहलाद तिवारी की कलम से
KKc राजरंग 2919 ! पांच लोकसभा सीटों को समेटे प्रभु राम की नगरी अयोध्या मंडल से इस बार एक भी ब्राह्मण उम्मीदवार बीजेपी से टिकट नहीं पा सका। वह स्थान जहाँ से बीजेपी दो सीटों से पूर्ण बहुमत के जादुई आंकड़े को क्रॉस कर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने के दंभ भरती है। वहां की पांच सीटों में से किसी पर भी ब्राह्मण चेहरों को न उतारकर बीजेपी ने साफ राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है।उस वक्त जब जातीय आधार को पैमाना सभी राजनीतिक दल बना रहे है। ऐसे में ब्राह्मण वर्ग के मतदाता अनबन जरूर होंगे। यह ऐसा वर्ग है कि इसकी नाराजगी गुल जरूर खिला देती है। यह अयोध्या मंडल की ही बात नहीं अपितु अवध सहित प्रदेश व राष्ट्रीय राजनीति की फलक तक नजर आ रहा है। जिस प्रबुद्ध जाति के 90% लोग सबसे ज्यादा मोदी मोदी करते हैं उसी जाति के लोगों को भाजपा ने फैजाबाद मंडल के पांचो जिलों में एक भी लोकसभा टिकट देने लायक नहीं समझा। क्या यह महज एक संजोग है? यह फिर सोची समझी साजिश का हिस्सा। बात पिछले लोस चुनाव 2014 की जाय तो तब भी कमोबेश यह स्थिति थी, लेकिन अंबेडकरनगर से हरिओम पांडेय को टिकट मिल गया था।मोदी लहर में उनकी प्रचंड जीत भी हुई थी।इस बार उनका टिकट काट दिया गया। उनके स्थान पर बीजेपी ने मुकुट बिहारी वर्मा को उतारा है।सुल्तानपुर में मां बेटे की सीट अदला बदली के बीच मेनका गांधी आ गयी है तो बाराबंकी से प्रियंका रावत का टिकट काट कर उपेंद्र रावत को दिया गया है। महज अंबेडकर नगर सीट पर ही यह देखने को मिला कि जिस जाति का टिकट काटा गया, उस जाति के बजाय पिछड़ी जाति पर भरोसा जताया गया।
अयोध्या मंडल
बाराबंकी -उपेंद्र रावत
फैजाबाद – लल्लू सिंह
अमेठी – स्मृति ईरानी
सुल्तानपुर – मेनका गांधी
अंबेडकर नगर – मुकुट बिहारी वर्मा।