ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले, कांग्रेस भविष्य में अपने हित को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अकेले लड़ रही है
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी के 2014 की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करने का भरोसा जताते हुए कहा कि पार्टी ने ”दीर्घकालीन हितों को ध्यान में रखकर राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि राज्य में पार्टी को मजबूत करने की रणनीति है और परिणाम दिखाएंगे कि अपने दम पर चुनाव लड़ना सही फैसला था।लोकसभा में 80 सांसद भेजने वाले उत्तर प्रदेश में कुछ समय बिताने के बाद सिंधिया अब मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जहां से वह पांचवीं बार सांसद बनने का लक्ष्य लेकर चुनाव में उतरे हैं। उत्तर प्रदेश(पश्चिम) के मामलों के लिए पार्टी प्रभारी सिंधिया ने ‘पीटीआई भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, ”हमने इस बार उत्तर प्रदेश में अपने दम पर खड़े होने और राज्य में पार्टी को मजबूत करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश में परिणाम के बाद आप देखेंगे कि पार्टी के दीर्घकालीन हित को दिमाग में रखकर यह संभवत: सही फैसला है।48 वर्षीय सिंधिया ने कहा, ”हम इस बार पूरे उत्तर प्रदेश में बेहतर काम करेंगे।मतदाताओं को फैसला करने दीजिए। यह पूछे जाने पर कि बसपा-सपा-रालोद महागठबंधन से कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में नुकसान होगा, सिंधिया ने कहा, ”मुझे लगता है कि हर दल उस जगह आगे रहेगा जहां वह सबसे मजबूत है। इसलिए महागठबंधन से कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचने या इसके विपरीत होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस पार्टी के पास सबसे मजबूत उम्मीदवार और सबसे मजबूत संगठन है।सिंधिया ने कहा कि राजनीति संभावनाओं की कला है। उन्होंने कहा, ”अंतत: राजनीति में कुछ भी संभव है और आपको डटे रहना होगा और प्रयास करना होगा। कभी-कभी प्रयास रंग लाते हैं, कभी-कभी ऐसा नहीं हो पाता।” यह पूछे जाने पर कि 23 मई को मतगणना के बाद क्या होगा, उन्होंने कहा कि यह तब देखेंगे, जब पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है। सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में हाल में बनी कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले किए वादों को पूरा करने की दिशा में अच्छा काम किया है।मध्य प्रदेश में कमलनाथ नीत सरकार के सत्ता में आने के बाद बिजली कटौती की समस्या संबंधी रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा कि यह समस्या राज्य में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार से विरासत में मिली है और इससे सरकार इससे निपट रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज माफी के वादे को पूरा किया जा रहा है।राज्य में पिछले साल हुए चुनाव में उन्हें संभावित मुख्यमंत्री के रूप में पेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा कि उन्होंने कभी इस पद की चाह नहीं की। सिंधिया ने कहा, ”मेरे जीवन का लक्ष्य सत्ता या पद हासिल करना नहीं है। मेरे जीवन का लक्ष्य मेरे लोगों का विकास और उनकी प्रगति करना है। मेरे लिए, पद एवं ताकत महत्वपूर्ण नहीं है। सेवा महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा, ”इसलिए जब मेरी पार्टी ने कोई फैसला किया है तो यह फैसला मेरे लिए सर्वोपरि है।”