पश्चिम बंगाल में गहराया संकट, 400 से अधिक डॉक्टरों के इस्तीफे से मरीज हलकान
नाराज डॉक्टर्स ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बिना शर्त माफी की मांग की है। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने काम पर लौटने के लिए 6 शर्तें रखी हैं, जिनमें ममता बनर्जी की माफी भी शामिल है। पश्चिम बंगाल में 4 दिन से हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स ने कहा, ‘हम सीएम ममता बनर्जी से उनके कल (गुरुवार) के भाषण के लिए बिना शर्त माफी चाहते हैं।’ वहीं इंडियन मेडिकल कॉलेज ने भी गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की है।
जूनियर डॉक्टर के एक फोरम के प्रवक्ता डॉक्टर अरिंदम दत्ता ने कहा, ‘जिस तरह कल सीएम ने डॉक्टरों से बात की, वैसे बात नहीं करनी चाहिए थी।’ ममता बनर्जी ने अपने भाषण में बाहरी लोगों का जिक्र कर बीजेपी और सीपीआई पर इस मुद्दे को भड़काने का आरोप लगाया था।
डॉक्टर्स की शर्तों में एक मांग यह भी है कि सीएम को हॉस्पिटल आकर घायल डॉक्टरों से मिलना होगा और उनके दफ्तर को हमले की निंदा करनी होगी। डॉक्टर अरिंदम दत्ता ने कहा, ‘हम सीएम से इस मामले की जांच चाहते हैं।’ डॉक्टरों ने हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की कागजाती सबूत की भी मांग की गई है। इसके अलावा पूरे राज्य में जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट के खिलाफ ‘झूठे केस और आरोप’ वापस लेने की भी शर्त रखी गई है।
उन्होंने बताया कि एनआरएस हॉस्पिटल में मारे गए मरीज के परिजनों दो जूनियर डॉक्टरों को सोमवार को परेशान किया। डॉक्टरों ने सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ बुनियादी ढांचे में सुधार की मांग पर भी जोर दिया, जिसमें सशस्त्र पुलिस कर्मियों की पोस्टिंग भी शामिल है।
इस्तीफा देने वालों की संख्या बढ़ी
इस बीच हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में इस्तीफा देने वाले डॉक्टरों की संख्या बढ़ गई है। दार्जिलिंग के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के 119 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। अब तक 43 डॉक्टरों के इस्तीफे की बात कही जा रही थी। जानकारों का कहना है कि यदि पश्चिम बंगाल सरकार ने इस तरफ जल्द ही ध्यान नहीं दिया तो डॉक्टरों के इस्तीफों की संख्या और बढ़ सकती है।
शाह को लिखा पत्र
इस बीच इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को इस संबंध में पत्र लिखा है। आईएमए ने शाह से इस संबंध में राष्ट्रीय कानून बनाने की मांग की है। आईएमए ने अपने पत्र में कहा, ‘देश भर में डॉक्टर्स के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ गए हैं, हाल की घटना पश्चिम बंगाल की है, जहां डॉक्टर मुखर्जी पर हमला किया गया। उनकी हालत बेहद गंभीर है, और वह जिंदगी के लिए लड़ रहे हैं। सभी लोगों को निडर होकर काम करने की आजादी है। हम किसी भी प्रकार की हिंसा का विरोध करते हैं, खास तौर पर मेडिकल प्रफेशन से जुड़े लोगों के खिलाफ।’