मुरादाबाद पुलिस का कारनामा: निर्दोष सतपाल को ‘जाहिर’ बनाकर जेल में ठूसा, 1 साल से न्याय की गुहार लगा रहा पीड़ित परिवार
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस का अनोखा कारनामा सामने आया है। मुरादाबाद पुलिस ने सतवीर नामक शख्स को न सिर्फ जाहिर बनाया बल्कि उसे जेल की काल कोठरी तक पहुंचा दिया। सतवीर पिछले एक साल से गोहत्या के आरोप में जेल में बंद है। सतवीर के परिजनों का आरोप है कि मुरादाबाद पुलिस ने उसे फर्जी केस में जाहिर बनाकर जेल भेजा है। वहीं, पीड़ित ने खुद को जहीर से सतवीर साबित करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है।
राजमिस्त्री सतवीर को बना दिया जाहिर
मिली जानकारी के मुताबिक, सतवीर ने अदालत में कहा कि उसे जाहिर के नाम पर जेल भेजा गया है, जबकि वह जाहिर नहीं सतवीर है। कोर्ट ने उसकी याचिका स्वीकार करते हुए इस मामले में नियमित सुनवाई के आदेश दिए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पेशे से राजमिस्त्री सतवीर बुलंदशहर के अनूपशहर थाना क्षेत्र का निवासी है, वह काम के सिलसिले में मुरादाबाद आया था। आरोप है कि पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ दर्ज पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दर्ज मुकदमे में सतवीर का चालान कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, मुरादाबाद की भोजपुर पुलिस के इस चालान में उसे प्रकाश नगर निवासी जाहिर बताया गया। पुलिस ने उसे 29 जून 2018 को इस मामले में जेल भेज दिया था। सूत्रों ने बताया कि यह मामला तब खुला जब सिविल कोर्ट में पेशी पर आए सतवीर ने एक वकील कुलदीप सिंह को अपनी आपबीती सुनाई।
दोषी पुलिसकर्मियों पर हो सकती है कार्रवाई
ऐसे में वकील कुलदीप ने इस मामले की पड़ताल की और सतवीर के परिजनों से मिलकर संबंधित जानकारी एकत्रित की। इसके बाद सतवीर को न्याय दिलाने के लिए जन सुनवाई में शिकायत दर्ज कराई। वहीं, कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष भी शिकायत दर्ज कराई गई।
वहीं, मानवाधिकार आयोग के आदेश के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। मामले में नियमित सुनवाई होने के बाद सतवीर की रिहाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वहीं, सतवीर को जेल भेजने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी बड़ी कार्रवाई होने की बात कही जा रही है। पूरे मामले में एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि यह मामला पुराना है, सीओ ठाकुरद्वारा इस मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।