December 22, 2024

DM के घर पर CBI ने मारा छापा, मशीन से हुई नोटों की गिनती!

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के बुधवार को उत्तर प्रदेश में बालू खनन घोटाले के सिलसिले में बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय सिंह के आवास और कायार्लय पर छापा मारा। सीबीआई ने बुलंदशहर के जिलाधिकारी के आवास और कायार्लय के अलावा साथ बैंक धोखाधड़ी मामले में मुरादाबाद में प्रथमा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के महाप्रबंधक शैलेश रंजन के कायार्लय और आवास पर भी छापा मारा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसारसीबीआई को अभय सिंह के आवास से 47 लाख रुपये कैश मिले हैं। इसके अलावा एसडीएम के यहां से दस लाख रुपये मिले हैं। डीएम आवास पर सीबीआई छापे के दौरान बड़ी मात्रा में नोट बरामद होने की आशंका जताई गई। बाहर से मशीन मंगाकर कराई गई है नोटों की गिनती।
सूत्रों ने बताया कि तीन वाहनों में लगभग 20 लोगों की सीबीआई टीम सुबह बुलंदशहर जिलाधिकारी के आवास पर पहुंची। जिलाधिकारी और उनके परिवार के सदस्यों को छोड़कर सभी लोगों को घर से निकाल दिया। बुलंदशहर के जिलाधिकारी के यहां छापेमारी का कारण खनन घोटाला बताया जा रहा है। सिंह समाजवादी पार्टी (सपा) शासनकाल के दौरान फतेहपुर के जिलाधिकारी थे। अभय सिंह, चंद्रकला के बाद दूसरे आईएएस अधिकारी है जिनके खिलाफ सीबीआई ने खनन घोटाले में छापा मारा है। सीबीआई ने जनवरी के पहले हफ्ते में उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बालू खनन घोटाले के सिलसिले में कई लोगों के घरों पर छापा मारा था।

जिन लोगों के यहां जनवरी में सीबीआई ने छापा मारा था उसमें लखनऊ में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता सत्यदेव दीक्षित और सपा एमएलसी रमेश मिश्रा समेत कई अन्य के यहां अवैध बालू खनन मामले में छापा मारा गया था।

चंद्रकला को भ्रष्टाचार के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाने के कारण लोकप्रिय सुर्खियों में आयी थी। वे यूपी कैडर की 2008 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह तेलंगाना की रहने वाली है। आईएएस अधिकारी 2012 में हमीरपुर के जिलाधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बालू खनन के लिए लाइसेंस देने के लिए नियमों और विनियमों को दरकिनार करने के लिए संदेह के घेरे में आई हैं।

सीबीआई उत्तर प्रदेश के पांच जिलों – शामली, हमीरपुर, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, और देवरिया में पिछले समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान अवैध खनन के आरोपों की जांच कर रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जुलाई 2017 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निदेर्श पर मामला उठाया है। जानकारी के अनुसार इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह इस मामले की जांच करे।

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