अयोध्या : खाकी वाले गुरुजी के विदाई में फफक पड़े छात्र छात्राएं
अमरजीत सिंह-ब्यूरो प्रमुख
अमानीगंज(अयोध्या) ! जाते-जाते एक बार फिर चर्चा में आ गये प्रभारी थानाध्यक्ष खंडासा ! मौका था स्थानांतरण के बाद उनके विदाई समारोह का , स्टाफ के कर्मचारी उनकी विदाई की विधिवत तैयारी कर रहे थे और इधर इंस्पेक्टर आर के राणा स्थानांतरण की सूचना के बाद से ही अपने छात्रों से मिलने के लिए बेताब थे वे थाना क्षेत्र के अनेक विद्यालयों के भाग -भाग कर अपने छात्रों से विदा ले रहे थे । उन्होंने अपने 3 महीने के छोटे से कार्यकाल में जिन -जिन विद्यालयों में अध्यापन किया था उन-उन विद्यालयों में जाकर वे बच्चों को भावी जीवन के तैयारी की टिप्स देना नहीं भूले। खाकी वाले गुरु जी ने भले ही अपनी अंतिम कक्षा में किताबी ज्ञान की चर्चा न की हो लेकिन उन्होंने भावी जीवन में आने वाली कठिनाइयों से लड़ने का हुनर थोड़े ही पल में छात्रों में बखूबी भर दिया । आखिर उसी का ही नतीजा तो था की विदा लेते वक्त छात्रों की आंखें नम हो गई और छात्रों ने दोबारा आने का वादा भी करा दिया। इसी कड़ी में जब वे क्षेत्र के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय अमानीगंज पहुंचे तो वहां की छात्राओं ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट कर नम आँखो से विदा दी।कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय अमानीगंज की अधीक्षिका किरन सिंह कहती हैं कि जब सें प्रभारी थानाध्यक्ष ने विद्यालय में अध्यापन किया बच्चों में जहाँ एक ओर आत्मनिर्भरता बढ़ी है तो वहीं दूसरी ओर बच्चों ने अभी से किस को क्या बनना है लक्ष्य तय कर लिया है।थानाध्यक्ष खंडासा रामकृष्ण राणा अपने सरकारी कार्य से समय निकालकर स्थानीय विद्यालय में जाकर बच्चों को पढ़ाना नहीं भूलते वे अपने दायित्वों का भी निर्वहन बखूबी निभाते हैं विद्यालयों में पहुंचकर बच्चों को पढ़ाना मानो उनका शौक बन गया है। उनके इस कार्य की समूचे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है ।रामकिशन राणा अपने इस कार्य के लिए पहले भी चर्चित रहे हैं सेवा काल के समय विभिन्न थाना क्षेत्रों में समय निकालकर पास पड़ोस के विद्यालयों में जाकर बच्चों के बीच पढ़ाना रामकिशन राणा का शौक रहा है ।आर के राणा के भी जीवन में चुनौतियां कम नहीं आई वे दो बार पीसीएस की परीक्षा में बहुत कम अंकों से असफल हो गए थे। तभी से वे प्रेरक की भूमिका में आ गये और छात्रों को कैरियर संबंधी जानकारी देते रहते है।