राजधानी लखनऊ में केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में शराब के नशे में तोड़फोड़ व मारपीट के आरोप में छह रेजिडेंट डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें तीन रेजिडेंट आर्थोपैडिक्स (हड्डी) व तीन डॉक्टर मेडिसिन विभाग के शामिल हैं। पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट को शुरुआती जांच रिपोर्ट के तथ्यों से अवगत कराया। कुलपति के आदेश के बाद डॉक्टरों के निलंबन का आदेश जारी किया गया है।
पर्चा बनवाने को लेकर बढ़ी थी कहासुनी
जन्मदिन की पार्टी मनाने के बाद शनिवार रात करीब एक बजे हड्डी रोग विभाग के रेजिडेंट डॉ. रजनीश और डॉ. प्रांजल की तबीयत बिगड़ गई थी। बेहोशी की हालत में उन्हें ट्रॉमा मेडिसिन वार्ड में लाया गया था। मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों ने दोनों की हालत देखी। इमरजेंसी पर्चा बनाने के लिए कहा। इस पर हड्डी रोग विभाग के रेजिडेंट ने हंगामा और मारपीट की। मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों ने आर्थोपैडिक्स वार्ड में जाकर उत्पात मचाया। तोड़-फोड़ की। चीफ प्रॉक्टर डॉ. आरएएस कुशवाहा ने मुकदमा दर्ज करा दिया है। वहीं मेडिसिन व हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों ने भी मुकदमा दर्ज कराया है।
छह डॉक्टर निलंबित
केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि घटना की जांच के लिए पांच सदस्यी कमेटी गठित की गई थी। शुरुआती जांच में दोनों विभागों के डॉक्टरों की गलती मिली है। इसलिए दोनों विभाग के तीन-तीन रेजिडेंट डॉक्टरों को निलंबित किया गया है। इस दौरान वह इलाज संबंधी कामकाज नहीं करेंगे। प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि हड्डी रोग विभाग के डॉ. राहुल शुक्ला, डॉ. शुभम और डॉ. अनुश्रव राव को निलंबित किया गया है। वहीं मेडिसिन विभाग के डॉ. मंयक, प्रदुम्न मॉल और डॉ. कृष्ण पाल सिंह परमान को निलंबित किया गया है। डॉ. सुधीर ने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
टीम को मिले थे यह हालात हड्डी रोग विभाग के वार्ड में दोनों पक्षों की लड़ाई हुई है। नर्सिंग स्टेशन में तोड़-फोड़ हुई। कम्प्यूटर, प्रिंटर टूटा। मरीजों के इलाज संबंधी दस्तावेज फाड़े। खिड़की के कांच तोड़े। इसकी वजह से मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ था।