April 20, 2025

अमेठी: फर्जी पट्टा आवंटन में चार एसडीएम सहित नौ पर लटकी कार्रवाई की तलवार

amethi_van_mahotsav_harit_amethi_clean_amethi_news_of_amethi_15596465592255342651253601866.jpg

अमेठी ! अमेठी जिले में जामों के पूरे चितई गांव में कृषि व आवास के फर्जी पट्टा आवंटन के मामले में वर्तमान में विभिन्न जनपदों में तैनात चार एसडीएम फंसते नजर आ रहे हैं। वहीं तत्कालीन नायब तहसीलदार, कानूनगो व लेखपालों को लेकर कुल नौ लोगों पर कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है। तीन सदस्यीय जांच समिति ने पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
साल भर पहले जामों के पूरे चितई गांव में कृषि की चार हेक्टेअर से अधिक जमीन का 36 लोगों में बंदरबांट हुआ था।जिसे संज्ञान लेते हुए एसडीएम ने सभी पट्टे निरस्त कर दिए, जबकि मामले में दोषी कानूनगो व लेखपाल को निलंबित कर दिया गया था। जिन्हें बाद में बहाल कर दिया गया। वहीं दोषी पाए गए स्टेनो के खिलाफ कोई कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी।इस प्रकरण के कुछ दिन बाद ही पूरे चितई गांव में ही आवासीय पट्टा आवंटन का एक और मामला सामने आया। जिसमें एक अन्य प्रधान द्वारा किए गए 57 आवासीय पट्टों के पट्टेदारों को कब्जा दिलाने के लिए एसडीएम गौरीगंज पर दबाव बनाना शुरू हुआ तो उन्होंने पट्टों का सत्यापन करवाया। सत्यापन के दौरान पहुंची तहसीलदार के पैरों तले जमीन खिसक गई। उनकी जांच में 57 में से 55 लोग ऐसे पाए गए, जो कहीं से भी आवासीय पट्टे के लिए पात्र नहीं थे। जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम ने डीएम को रिपोर्ट भेज दी।

विधायक ने उठाया मामला

फर्जी पट्टा आवंटन को लेकर गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह ने सदन में मामला उठाया। जिसके बाद शासन ने डीएम अमेठी, सचिव एवं आयुक्त राजस्व परिषद व विशेष सचिव राजस्व की तीन सदस्यीय कमेटी मामले की जांच के लिए गठित की। सप्ताह भर पूर्व डीएम अमेठी की ओर से एसडीएम गौरीगंज, सचिव एवं आयुक्त राजस्व परिषद की स्टाफ आफिसर रीना सिंह व विशेष सचिव राधेश्याम मिश्र की अगुवाई वाली समिति ने पिछले हफ्ते गांव पहुंचकर स्थलीय जांच की। जिसमें ज्यादातर लोग अपात्र पाए गए।

इन पर लटक रही कार्रवाई की तलवार

कृषि आवंटन के मामले में तत्कालीन कानूनगो, लेखपाल को दंडित किया जा चुका है। हालांकि बाद में उन्हें दोष मुक्त करते हुए बहाल भी कर दिया गया। लेकिन लिखा पढ़ी के बाद भी एसडीएम के स्टेनो अमर बहादुर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं शासन ने मामले में एसडीएम देवी दयाल की भूमिका को भी संदिग्ध माना है। तब तहसीलदार रहे और वर्तमान में राजस्व परिषद में अटैच एसडीएम अजय तिवारी पर भी कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है।उधर आवास आवंटन के मामले में लेखपाल राम निवास दिवाकर, कानूनगो प्रेम नारायण ओझा, नायब तहसीलदार राम प्रसाद के साथ तत्कालीन तहसीलदार व वर्तमान में वाराणसी में तैनात एसडीएम महेंद्र श्रीवास्तव के साथ ही तत्कालीन एसडीएम मोतीलाल की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

बोले जिम्मेदार

शासन के निर्देश पर तीन सदस्यीय समिति ने दोनों मामलों की जांच की है। पूरी रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। वहीं से कार्रवाई होगी।
अमित कुमार सिंह
एसडीएम, गौरीगंज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from KKC News Network

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading