गोंडा : निष्क्रिय आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की समाप्त होगी सेवा
गोंडा ! अगले दस दिनों के अन्दर अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चों का विजिट करके सभी सीडीपीओ व सुपरवाइजर रिपोर्ट दें। गांवों में वीएचएनडी दिवसों के आयोजन में ग्राम प्रधानों का सहयोग लें। जिले की निष्क्रिय आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की सूची तैयार करें और उन्हें नोटिस जारी करें जिससे उनकी सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जा सके।यह निर्देश गोंडा डीएम डा. नितिन बंसल ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला पोषण समिति की बैठक में कार्यक्रम विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि वे जिले के ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्रों की सूची उन्हें उपल्बध कराएं जहां पर पोषण व स्वास्थ्य से सम्बन्धित एक भी गतिविधि का आयोजन नहीं किया गया है।बैठक में ज्ञात हुआ कि जिले में लगभग 120 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां ऐसी भी हैं जो पूरी तरह से निक्रिष्य हैं। निर्देश के बावजूद उनके द्वारा कार्यों में कोई रूचि नहीं ली जा रही है। डीएम ने निर्देश दिए कि ऐसी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की सेवा समाप्ति के लिए नोटिस जारी किया जाए।
रसोइयों का पैसा खाते में भेजे
यह भी निर्देश दिए कि अब आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन का पैसा सीधे प्राइमरी स्कूलों की रसोइयों के खाते में सीधा भेजा जाय। वजन दिवस में बच्चों के वजन की रिपोर्ट सही ढंग से न प्रस्तुत किए जाने पर ज्ञात हुआ कि केन्द्रों पर वजन मशीन, रक्तचाप मापक यंत्र आदि उपकरण न होने के कारण वजन दिवस व अन्य गतिविधियां ठीक से नहीं हो पा रही हैं। इस पर डीएम ने निर्देश दिए कि जिला कार्यक्रम अधिकारी अतिशीघ्र वजन मशीन व जरूरी उपकरणों की खरीद कराना सुनिश्चित करें।
डीएम ने मांगी रिपोर्ट
डीएम ने 46 अधिकारियों द्वारा गोद लिए गांवों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए सम्बन्धित अधिकारी अपने-अपने गोद लिए गांवों का निरीक्षण कर उन्हें एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट दें। पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा के दौरान ज्ञात हुआ कि विगत मई माह में 10, जून में 23, जुलाई में 25 तथा अगस्त में 21 बच्चे ही केन्द्र में आए। कुपोषित बच्चों की संख्या के सापेक्ष पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्चों की संख्या कम आने पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ग्राम व ब्लाक स्तर पर पर्यवेक्षणीय कार्य करने वाली सुपरवाइजरों व सीडीपीओ की जिम्मेदारी तय की जाय तथा अपेक्षित प्रगति न होने पर कार्यवाही की जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि अलगे 10 दिनों के अन्दर सभी सुपरवाइजर चिन्हांकित बच्चों के यहां विजिट की फालोअप रिपोर्ट तैयार कर लें। ब्लाकवार गतिविधियों के आयोजन में परसपुर प्रथम स्थान पर तथा तरबगंज सबसे निचले पायदान पर रहा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि प्रगति न होने पर सुपरवाइजरों व सीडीपीओ की जिम्मेदारी तय की जाएगी।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष कुमार, सीएमओ डा मधु गैरोला, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार, बीएसए मनिराम सिंह, डीआईओएस अनूप श्रीवास्तव, डीएसओ वी के महान, पीडी सेवाराम चौधरी , जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव, मुख्य पशु चिकित्साधिकरी डा आरपी यादव रहे।
डीएम ने मांगी रिपोर्ट
डीएम ने 46 अधिकारियों द्वारा गोद लिए गांवों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए सम्बन्धित अधिकारी अपने-अपने गोद लिए गांवों का निरीक्षण कर उन्हें एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट दें। पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा के दौरान ज्ञात हुआ कि विगत मई माह में 10, जून में 23, जुलाई में 25 तथा अगस्त में 21 बच्चे ही केन्द्र में आए। कुपोषित बच्चों की संख्या के सापेक्ष पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्चों की संख्या कम आने पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ग्राम व ब्लाक स्तर पर पर्यवेक्षणीय कार्य करने वाली सुपरवाइजरों व सीडीपीओ की जिम्मेदारी तय की जाय तथा अपेक्षित प्रगति न होने पर कार्यवाही की जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि अलगे 10 दिनों के अन्दर सभी सुपरवाइजर चिन्हांकित बच्चों के यहां विजिट की फालोअप रिपोर्ट तैयार कर लें। ब्लाकवार गतिविधियों के आयोजन में परसपुर प्रथम स्थान पर तथा तरबगंज सबसे निचले पायदान पर रहा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि प्रगति न होने पर सुपरवाइजरों व सीडीपीओ की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष कुमार, सीएमओ डा मधु गैरोला, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार, बीएसए मनिराम सिंह, डीआईओएस अनूप श्रीवास्तव, डीएसओ वी के महान, पीडी सेवाराम चौधरी , जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव, मुख्य पशु चिकित्साधिकरी डा आरपी यादव रहे।