वाराणसी:नितेश उर्फ बबलू सिंह की तेरहवीं में श्रद्धांजलि देने पहुंचे प्रदीप सिंह पीके

वाराणसी: सदर तहसील में शूटरों की गोली का निशाना बने ट्रांसपोर्टर और लेबर कांट्रे्क्टर नितेश उर्फ बबलू सिंह की तेरहवीं में संवेदना जताने के लिए सैकड़ों लोग उनके लोहिया नगर स्थित आवास पर शनिवार को पहुंचे थे। परिवार ही नहीं बल्कि इन लोगों की भी आंखे नम थी और सभी का बबलू का असमय दाना अखर रहा था। वारदात को किसने और क्यों अंजाम दिया सभी जानना चाह रहे थे लेकिन उनके सवालों का किसी के पास उत्तर नहीं था। अलबत्ता सुरक्षा प्रबंधों के तहत बड़ी संख्या में पुलिसकििर्मयों के अलावा सादे वेश में फोर्स लगी थी जो आने-जाने वालों की गतिविधियों पर नजर रखे थी।
*दोपहर से ही चर्चित चेहरों का लगा रहा ताता*
⚡इस मौके पर विधायक सुशील सिंह, पूर्व एमएलसी श्याम नारायण उर्फ विनीत सिंह व सैकड़ों लग्ज़री वाहनों के साथ प्रदीप सिंह पीके, पूर्व एमएलसी रामू द्विवेदी भाई मेराज, केके सिंह, संजय राव, भूपेंद्र सिंह (मुन्ना ठेकमा) अब्दुल्ला अंसारी के अलावा बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे।
*पुलिस कुछ बोलने से बच रही*
⚡लंबे समय के बाद कोई ऐसी दुस्साहसिक वारदात हुई है जिसके बाबत पुलिस कुछ कहने से बच रही है। दरअसल पुलिस मान कर चल रही है कि जिस तरह वारदात को अंजाम दिया गया हैै उसमें शामिल शूटरों को नहीं दबोचा गया तो इसकी पुनरावृत्ति इक नहीं बल्कि कई दफा हो सकती है। आरम्भिक जांच में जो संकेत मिले हैं उसके आधार पर पुलिस इसे गैंगवार का हिस्सा मान कर चल रही है। वारदात को अंजाम देने वाले भले भाड़े के शूटर रहे हो लेकिन इसकी योजना बनाने वाले सफेदपोश हो सकते हैं। यही कारण है कि पुलिस पुख्ता प्रमाणों को जुटा रही है जिससे खुलासे पर सवालिया निशान न लग सके।
*वरुणापार रंगदारों को निशाने पर*
⚡बबलू की हत्या में पुलिस भले अपनी सुविधानुसार जो एंगिल दे रही है लेकिन वहां जुटे बड़ी संंख्या में डाक्टरों समेत दूसरे कारोबारियों न दबी जुबान से स्वीकार किया कि वह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बबलू के रूप में उनका ऐसा मददगार चला गया जो किसी बदमाश के फोन के बाद दीवार बन कर खड़ा होता था और किसी से वसूली नहीं होने दी। अब रंगदारी की डिमांड होगी तो वह शिकायत नहीं कर सकेंगे क्योंकि सुुरक्षा के साथ रहने वाले उनके हमदर्द का यह हश्र हो सकता है तो वह क्या कर सकेंगे। पूर्वांचल के आसपास के जनपदों के अलावा प्रदेश की राजधानी तक से लक्जरी वाहनों पर सवार लोगों के आने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
