कमलेश तिवारी के हत्या के विरोध में युवाओं ने निकाला कैंडल मार्च
लखनऊ:लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। आज शाम राजाजीपुरम स्थित मोहनभोग चौराहे पर पर युवाओं ने कैंडल मार्च निकाल विरोध जताया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया कैंडल मार्च का नेतृत्व विशाल यादव एवं विनय त्रिवेदी, आकाश गुप्ता ने किया।
हत्या के विरोध में बोलते हुए विनय त्रिवेदी ने कहा आज हिंदुत्व की सरकार में हिंदुत्व का सरेआम कत्ल किया गया है सरकार सो रही है। यदि सरकार इसी तरह सोती रही तो उत्तर प्रदेश जल्द क्राइम सफारी प्रदेश के नाम से जाना जाएगा । बंगाल के मुर्शिदाबाद से लेकर लखनऊ तक हिंदुओं का कत्लेआम हो रहा है।। यह अब बर्दास्त नही किया जाएगा ।
इस मार्च में विशाल यादव , विनय त्रिवेदी, आकाश गुप्ता, लक्ष्मी सिंह, चेतन तिवारी, पंकज शर्मा, राहुल यादव, अभय पांडेय, रिंकू गुप्ता, गौरव द्विवेदी, सिखा श्रीवास्तव, रेखा अग्रवाल, केसर, अंजू, कुसुम आदि सैकड़ों लोगों ने एकता का संदेश देकर कैंडल मार्च निकाला।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस वारदात में दो और आरोपी शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. उन्होंने बताया कि तिवारी के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उप्र के बिजनौर निवासी अनवारूल हक और नईम काजमी के नाम हैं तथा उन्हें भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. सिंह ने कहा कि सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमें गठित की गई थी. जांच में इस मामले के तार गुजरात से जुड़े होने का संकेत मिला. उन्होंने बताया ‘सुरागों के आधार पर मैंने गुजरात के डीजीपी से बात की.’ सिंह ने बताया कि लखनऊ के एसएसपी और स्थानीय पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले. पुलिस और गुजरात पुलिस की संयुक्त टीम ने सूरत से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. उन्होंने बताया कि पकड़े गए तीन संदिग्धों के नाम मौलाना मोहसिन शेख सलीम (24), फैजान (30) और खुर्शीद अहमद पठान (30) हैं. तीनों सूरत के रहने वाले हैं.
सिंह ने बताया कि मौलाना अनवारुल हक और मुफ्ती नईम काजमी को शुक्रवार रात हिरासत में लिया गया. डीजीपी सिंह ने बताया कि दो अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया था और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. इनमें से एक राशिद का भाई और दूसरा गौरव तिवारी है. उन्होंने बताया कि गौरव ने कमलेश को कुछ दिन पहले फोन कर सूरत समेत अन्य जगहों पर भारत हिंदू समाज के लिए काम करने की इच्छा जताई थी.