अयोध्या : फैसले के बाद इकबाल अंसारी बोले-निपटारा होना जरूरी था
अयोध्या ! सर्वोच्च अदालत के सुप्रीम फैसले पर बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। लंबे समय से यह विवाद चला आ रहा था। यह हिन्दुस्तान के लिए बहुत बड़ा मसला था जिसका निपटारा होना जरूरी था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया। इससे वह खुश हैं। अदालत में सरकार को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है।यह राज्य सरकार के ऊपर है कि वह हमें कहां जमीन देती है। उन्होंने कहा कि वह पहले से ही कहते आए हैं कि फैसला चाहे जो हो सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। सभी के लिए देश और समाज पहले हैं बाकी चीजें बाद में।
रामलला के सखा बोले अदालत ने जन्मभूमि को माना
रामलला के सखा और विवाद मामले के पक्ष कार त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा कि करोड़ों हिंदू सदियों से यह मानते चले आ रहे हैं कि विवाद वाली जगह पर ही भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। शनिवार को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि जो ढांचा है उसके नीचे की जमीन पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था। अदालत ने यह जमीन रामलला को दी है और मुसलमानों को मस्जिद बनाने के लिए दूसरी जगह जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा यह सत्य की जीत है।भगवान राम केवल हिंदूओं के ही नहीं है बल्कि वह एक राष्ट्रपुरुष तथा परमात्मा के रूप में वे सभी भारतीयों की आस्था के केंद्र हैं। श्री पांडे ने कहा कि हमारा संघर्ष सफल हुआ जन्म भूमि पर राम जन्मभूमि न्यास ही भव्य मंदिर बनवाएगा।
मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने कहा फैसला देख कर लेंगे आगे का निर्णय
मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सीधी प्रतिक्रिया से इनकार किया, कहा कि उन्होंने अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं पढ़ा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वह सम्मान करते हैं लेकिन फैसला पढ़ने और अपने वकीलों से विचार विमर्श के बाद ही निर्णय ले पाएंगे। सर्वोच्च अदालत की ओर से दिए गए फैसले के बिंदुओं और तर्कों को समझना जरूरी है।
निर्मोही अखाड़े के पंच मिल कर लेंगे निर्णय
राम जन्म भूम बाबरी मस्जिद के भूमि के मालिकाना हक विवाद में निर्मोही अखाड़े की तरफ से पक्षकार दिनेंद्र दास ने कहा कि सर्वोच्च अदालत में विवादित स्थल को राम जन्म भूम माना है। इससे ज्यादा खुशी की बात कोई हो ही नहीं सकती। अदालत ने उनके सेवा एप होने के दावे को लिमिटेशन के आधार पर खारिज कर दिया इसका उनको अफसोस नहीं है। वह भी रामलला के लिए ही इतने वर्षों से संघर्ष कर रहे थे और कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। हालांकि फैसले को लेकर अखाड़े के अगले कदम के बारे में अनचाही मिल बैठकर निर्णय लेंगे।
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास बोले,सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हुई सनातन सत्य की जीत
विराजमान रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यह सनातन सत्य है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान और दशरथ नंदन के लाल श्री राम ने अयोध्या में ही जन्म लिया। इसी सनातन सत्य के आधार पर सदियों से करोड़ों हिंदू जन्म भूमि पर अपनी आस्था और श्रद्धा प्रकट करने आते हैं। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में इस सनातन सत्य को सही स्वीकार किया है। अब जल्द ही रामलला को टाट से छुटकारा मिल जाएगा।
डॉक्टर खान ने परमहंस दास को खिलाई मिठाई।
राम मंदिर को लेकर हठ से चर्चा में आए तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास के आश्रम पर अल्पसंख्यक समुदाय के डॉक्टर एच खान पहुंचे। सर्वोच्च अदालत के सुप्रीम फैसले को लेकर डॉक्टर खान में श्री दास को मिठाई खिलाई और शुभकामना दी। श्री दास ने कहा कि करोड़ों हिंदुओं की बरसो बरसो की आकांक्षा पूरी हो रही है। भगवान राम ने पूरे विश्व को मानवता की सेवा और मर्यादा का संदेश दिया। सभी को उनके जन्म स्थान पर भव्य राम मंदिर बनने का इंतजार है। सरकार जल्द से जल्द इसके लिए कार्यवाही शुरू करें