अयोध्या : सीरियल धमाके की बरसी पर अधिवक्ताओं ने दी श्रद्धांजलि, पुलिस ने चलाया जांच अभियान
अयोध्या ! प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ कचहरी के साथ जिले की कचहरी में हुए सीरियल धमाके की बरसी पर अधिवक्ताओं की ओर से धमाके में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जनपद पुलिस की ओर से सघन जांच और तलाशी अभियान चलाया गया।कचहरी सीरियल ब्लास्ट की 12 वीं बरसी पर लोगों के जेहन में 12 साल पहले हुई वारदात फिर से ताजा हो गई। इस सीरियल धमाके में वरिष्ठ अधिवक्ता राधिका प्रसाद मिश्र की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि एक स्टाम्प बेंडर समेट तीन ने बाद में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। कचहरी सीरियल धमाके की बरसी को लेकर जनपद पुलिस की ओर से पूरे परिसर की सघन जांच और तलाशी कराई गई। क्षेत्राधिकारी नगर अरविंद चौरसिया के नेतृत्व में पुलिस और विशेष दस्ते कचहरी परिसर की जांच और तलाशी करते नजर आए। आने जाने वाले लोगों को सघन जांच और तलाशी से गुजारा गया। अधिवक्ताओं के साथ वात कार्यों और अन्य की भी जांच और तलाशी हुई। कचहरी सीरियल धमाके के बाद से ही उच्च न्यायालय के आदेश पर पूरा कचहरी परिषद विशेष सुरक्षा घेरे में है। सुरक्षा के मद्देनजर पूरे परिसर को ऊंची बाउंड्रीवाल से घेरा गया है और इंट्री और निकास द्वारों पर डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई है।23 नवंबर 2007 की अपरांत कचहरी परिसर में दो स्थानों पर धमाके हुए थे। जांच में पाया गया था कि धमाके के लिए विस्फोटक साइकिल के साथ कचहरी परिसर में लाए गए और साइकिल में टगे झोले में विस्फोटक को रखकर पहले से तय स्थानों पर रख दिया गया। अपरान एक जगह धमाका हुआ। चीख-पुकार और अफरा-तफरी मची इसी दौरान दूसरी जगह भी धमाका हो गया था। धमाका इतना तेज था कि साइकिल के पुर्जे तथा अधिवक्ताओं के तखत और कुर्सियां इधर-उधर बिखर गये थे। सीरियल बम धमाके की तह में जाने और मामले की जांच पड़ताल के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ प्रदेश सरकार की ओर से स्पेशल टास्क फोर्स को भी लगाया गया था। जांच पड़ताल और विवेचना के बाद कचहरी सीरियल धमाके के मामले में पुलिस की ओर से वर्ष 2008 में आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया गया था। आरोपपत्र में सज्जाद उर रहमान, मोहम्मद अख्तर तारिकक काजिमी और खालिद मुजाहिद को आरोपी बनाया गया था। कचहरी सीरियल धमाके को लेकर एसटीएफ में इनकी गिरफ्तारी बाराबंकी रेलवे स्टेशन के पास से की थी। कचहरी सीरियल धमाके के एक आरोपी खालिद मुजाहिद की वर्ष 2013 में मौत हो चुकी है।बार एसोसिएशन अध्यक्ष विजय सिंह का कहना है कि मामले की सुनवाई अदालत में जारी है और उम्मीद है कि इसी इसी साल नवंबर के अंतिम सप्ताह अथवा दिसंबर माह में फैसला भी आ जाएगा।