November 21, 2024

बाराबंकी : जैदपुर हार का ब्रेकर भी न रोक पाया अवधेश श्रीवास्तव की ताजपोशी

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कूटनीतिक तिकड़म से फिर जिलाध्यक्ष बने अवधेश..
गुटबाजी की बढी टीस, जिलाध्यक्ष पद पर अब करनी होगी कड़ी मेहनत ?प्रशांत मिश्रा,हर्षित वर्मा प्रतीक्षा सूची में लेकिन जिलाध्यक्ष को छवि के प्रति रहना होगा सजग!

कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया) की रिपोर्ट

बाराबंकी ! आखिरकार भाजपा नेतृत्व का आशीर्वाद पाकर बाराबंकी जनपद के जिलाध्यक्ष पद पर एक बार फिर अवधेश श्रीवास्तव की तैनाती हो गई। यहां जैदपुर की हार का ब्रेकर भी श्रीवास्तव की ताजपोशी को नहीं रोक पाया। जबकि उनके विरोधी फिर मुँह की खा गए। प्रशांत मिश्रा एवं हर्षित वर्मा जैसे कई भाजपा नेता प्रतीक्षा सूची में है तो दूसरी तरफ जिला अध्यक्ष को इस बार अपना कार्यकाल अपनी छवि को बचाते हुए सतर्क ढंग से पूरा करना होगा?उत्तर प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने बाराबंकी भाजपा के जिला अध्यक्ष पद पर एक बार फिर भाजपा नेता अवधेश श्रीवास्तव पर विश्वास जमाया है। सनद हो कि दो बार जिलाध्यक्ष पद पर रहने वाले अवधेश के विरुद्ध इस बार जिले के कई दिग्गज नेता लामबंद थे ।सूत्रों के मुताबिक देश व प्रदेश में सत्ता रहने की वजह से एकजुट दिखाई दे रही भाजपा वास्तव में बाराबंकी जनपद में कई गुटों में विश्राम करती है? भले ही सत्ता की धमक के चलते सभी नेता एकजुटता का राग अलापे लेकिन अंदरूनी स्तर पर कहानियां कुछ अलग हैं! विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक भाजपा के कई ऐसे नेता थे जो किसी भी हालत में अवधेश श्रीवास्तव को जिला अध्यक्ष के पद पर तीसरी बार आसीन नहीं होने देना चाहते थे! इसके लिए सभी अवधेश विरोधी भाजपा नेताओं ने खूब तैयारी भी की थी? कई आकाओं से मुलाकात एवं अवधेश में इतनी कमियां हैं इसकी लिस्ट भी लेकर बड़े नेताओं तक पहुंचा गया था? ऐसे में अवधेश की ताजपोशी पर सवालिया निशान लगे हुए थे! लेकिन जब परिणाम आया तो सभी प्रयास विरोधियों के असफल सिद्ध हुए ।जबकि अवधेश श्रीवास्तव एक बार फिर बाराबंकी भाजपा के जिला अध्यक्ष के पद पर काबिज हो गए।अति विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2016 में भाजपा के जिला अध्यक्ष बने अवधेश श्रीवास्तव के लिए इस बार जिलाध्यक्ष की राह आसान नहीं थी। हाल ही में हुए जैदपुर उपचुनाव को लेकर भी उन पर निशाना साधा जा रहा था। इसके अतिरिक्त यह भी आरोप उछाले गए कि अवधेश ने जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए अपने कई चहेतों को मनमाने ढंग से संगठन में तैनाती प्रदान की! खबर तो यह भी थी कि अवधेश श्रीवास्तव ने भाजपा का जिला अध्यक्ष रहते हुए अपने आर्थिक साम्राज्य को भी आगे बढ़ाया ? फिलहाल नवनियुक्त जिला अध्यक्ष के समर्थक इन सारे आरोपों को पूरी सिरे से नकारते हैं। वह कहते हैं कि जिला अध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव के लिए पार्टी नेतृत्व को हम सभी धन्यवाद ज्ञापित करते है। उन्हें दल से जो निर्देश मिला उन्होंने उसी के हिसाब से काम किया ।आगे भी वे भाजपा के सिपाही के रूप में अपना काम करता रहेंगे।भाजपा के जिला अध्यक्ष के पद पर श्रीवास्तव की ताजपोशी होने के बाद जिले के कई दिग्गज नेता निराश होकर अपने कुनबे में जा बैठे हैं ।जानकारी के मुताबिक इस मुहिम में असफल होने के बाद अवधेश विरोधी कुनबा अब आगे किस रणनीति के तहत बाजी अपने पक्ष में की जाए इसे लेकर चिंतन व मंथन में जुटा हुआ है! भाजपा के जिला अध्यक्ष के खाते में लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा चुनाव तथा नगर पंचायत के चुनाव की सफलताएं तो दर्ज ही हैं अलबत्ता इन चुनाव में टिकट को लेकर हुई मारामारी का अघोषित पाप भी उनके दामन में दर्ज है! भले ही उन्होंने टिकट किसी को मिले इसके लिए पैरवी की हो या ना की हो? जिन्हें टिकट मिला उन्होंने उन्हें धन्यवाद दिया और जिनको नहीं मिला उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर इसके लिए जिला अध्यक्ष को ही जिम्मेदार माना!!भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि हमारे लिए क्या है हरी-भरी घाघरा खाली हो गई ? अब तो राजनीति के क्षेत्र में बालू ही बची है !देखो हम तो उसकी भी प्राप्ति नहीं कर सकते ?कई लोग तो बालू से भी सोने के महल बना लेंगे? भाजपा के ऐसे अधीर नेता यह भी कहते हैं कि ठेका पाठा में भी हम पीछे रह गए! लेकिन हम कर ही क्या कर सकते हैं! फिलहाल हम भी पार्टी के सिपाही हैं। पार्टी ने जो निर्णय लिया है हम उसके साथ हैं।कुल मिलाकर सूत्रों का दावा है फिलहाल अवधेश श्रीवास्तव का कार्यकर्ताओं की सुनना एवं उनका गुस्सा सहन करना भी खासा अच्छा साबित हुआ? इसके अतिरिक्त खबर है कि भाजपा के कई जनप्रतिनिधि इस प्रयास में थे की नया जिला अध्यक्ष उनके कई कामों में अवरोध उत्पन्न कर सकता है? ऐसे में अवधेश श्रीवास्तव एक टीम के रूप में उनके साथ काम कर रहे हैं सो उनका जिलाध्यक्ष रहना ही ज्यादा बेहतर है! भाजपा के ऐसे नेता जो बातचीत में कहते थे कि कुछ भी हो जाए लेकिन अवधेश श्रीवास्तव इस बार जिला अध्यक्ष ना बने फिलहाल उनकी जबान तालू में चिपक गई है! जबकि भाजपा के दिग्गज नेता प्रशांत मिश्रा तथा हर्षित वर्मा जैसे कई अन्य प्रतीक्षा सूची में है। साफ बात यह भी है कि अवधेश श्रीवास्तव को इस बार का कार्यकाल बहुत ढंग से आगे बढ़ाना होगा। उन्हें अपनी छवि को लेकर भी सतर्क रहना होगा क्योंकि उनके विरोधी काफी सतर्क हैं वह भी गुस्से में हैं।

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