RTI में खुलासा नहीं है कोई ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’
एक आरटीआई में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मान लिया है कि देश में कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं है। ऐसे में अब पीएम मोदी और अमित शाह के उन भाषणों पर सवाल उठने लगे हैं, जिनमें वे बार-बार टुकड़े-टुकड़े गैंग का नाम लेते रहे हैं।
आखिरकार केंद्र की मोदी सरकार ने मान लिया है कि देश में कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं है और इस बारे में उसके पास कोई जानकारी नहीं है। यह जवाब केंद्र की मोदी सरकार के गृह मंत्री अमित शाह के अधीन आने वाले गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई आवेदन पर दिया है। ऐसे में अब पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत सरकार के कई मंत्रियों और बीजेपी नेताओं के उन दावों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, जिनमें वे बार-बार टुकड़े-टुकड़े गैंग की बात करते रहे हैं। गृह मंत्रालय के जवाब के आधार पर आरटीआई डालने वाले पत्रकार साकेत गोखले ने अब चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।
PEOPLE – IT'S OFFICIAL
The Home Ministry has responded to my RTI saying:
"Ministry of Home Affairs has no information concerning tukde-tukde gang."
Maanyavar is a liar.
The "tukde tukde gang" does not officially exist & is merely a figment of Amit Shah's imagination. pic.twitter.com/yaUGjrqI4f
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) January 20, 2020
दरअसल बीते 26 दिसंबर को गृहमंत्री अमित शाह ने एक जनसभा में कहा था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग को सजा दी जाएगी। उनके अलावा पीएम मोदी समेत सरकार के अन्य कई मंत्रियों और बीजेपी नेताओं के बार-बार टुकड़े-टुकड़े गैंग की बात करने को लेकर पत्रकार साकेत गोखले ने पिछले दिसंबर में गृह मंत्रालय में एक आरटीआई आवेदन दायर कर पूछा था कि आखिर टुकड़े-टुकड़े गैंग क्या है और इसकी परिभाषा क्या है? इस गैंग के सदस्य कौन-कौन हैं? इस गैंग पर अभी तक यूएपीए के तहत पाबंदी क्यों नहीं लगाई गई? और, किस कानून या नियम के तहत इस गैंग के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी?
Amit Shah said in a rally today that the "tukde-tukde" gang of Delhi needs to be punished.
Frankly, with all these constant references by the country's Home Minister, we at least deserve to know who this "gang" is.
So I've filed an RTI with the MHA requesting this info.
(1/2) pic.twitter.com/jNgUrrEted
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) December 26, 2019
साकते गोखले के आरटीआई के जवाब में अब खुद अमित शाह के मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोई टुकड़-टुकड़े गैंग नहीं है। मंत्रालय ने अपने जवाब में साफ कहा हैः “गृह मंत्रालय को टुकडे-टुकडे गिरोह के बारे में कोई जानकारी नहीं है।” सरकार के इस जवाब के बाद पत्रकार साकेत गोखले ने अमित शाह द्वारा चुनावी भाषणों में बार-बार टुकड़े-टुकड़े गैंग का नाम लेने के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र लिखने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, “मैं अब इस पर संज्ञान लेने के लिए चुनाव आयोग को लिख रहा हूं। गृह मंत्री अमित शाह को बताना चाहिए कि उन्होंने रैली में इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया या उन्हें लोगों से झूठ बोलने और उन्हें गुमराह करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।”
I’m now writing to the Election Commission to take cognizance of this.
Home Minister Amit Shah must explain why he used this term in a rally or he should apologize publicly for lying to the people & misleading them.
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) January 20, 2020
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि साकेत गोखले की आरटीआई अर्जी को लेकर गृह मंत्रालय के अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर में गृह मंत्रालय के बेनाम अफसरों के हवाले से कहा गया था कि इस आरटीआई अर्जी पर गृह मंत्रालय के अधिकारी इसलिए सिर खुजा रहे हैं, क्योंकि किसी भी खुफिया एजेंसी या जांच एजेंसी ने आज तक अपनी किसी भी रिपोर्ट में ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का नाम नहीं लिया है। न तो सरकार और न ही किसी एजेंसी के पास ऐसे किसी गैंग का कोई रिकॉर्ड है।
गौरतलब है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग का नाम सबसे पहले साल 2016 में जेएनयू में छात्रों के आंदोलन के समय लिया गया था। लेकिन हाल ही में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों से परेशान प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के कई नेता अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधने के लिए अपने भाषणों में इसका जमकर जिक्र कर रहे हैं। हाल ही में जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों द्वनारा की गई हिंसा को लेकर मोदी सरकार के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि जब वे जेएनयू में पढ़ते थे तो वहां कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं था।