प्रेमिका और पैसों की लालच में बन गया पाकिस्तान का जासूस
वाराणसी
प्रेमिका से निकाह, रुपये और महंगे उपहारों के लालच में फंस कर राशिद अहमद देश के दुश्मनों से हाथ मिला बैठा। वह नापाक इरादे रखने वाले लोगों के इशारों पर नाचता रहा। हालांकि उसे न तो प्रेमिका मिली और न ही तय किए गए रुपये मिले, मगर जेल जाने से परिवार जरूर कलंकित हो गया। राशिद के मूल निवास स्थान और ननिहाल के लोगों को सोमवार दोपहर जब उसकी करतूत के बारे में पता लगा तो सभी उसे कोस रहे थे। राशिद के अनुसार, उसकी मौसी हसीना बेगम पाकिस्तान के कराची में रहती है। 2017 और नवंबर 2018 में वह कराची गया था। इस दौरान उसे उसके मामू नजीर की बेटी अनम से प्यार हो गया और उसने उससे निकाह करने की ठानी।
राशिद अपने मौसेरे भाई सहजेब के साथ कराची में रहता था। शहजेब ने उसकी दोस्ती आसिम और अमद से कराई।
ये दोनों पाकिस्तान की आईएसआई के एजेंट हैं। इन दोनों ने राशिद से कहा कि यदि वह हिंदुस्तान के सैन्य अड्डों और सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों की फोटो और वीडियो भेजे तो वह उसे रुपये और उपहार देंगे। साथ ही उसका निकाह अनम से आसानी से करा देंगे।
फरवरी 2019 में राशिद वापस भारत लौट कर आया तो आसिम और अमद को फोटो और वीडियो भेजने लगा। इसके बदले में राशिद को मई 2019 में पाकिस्तान में बनी टी-शर्ट और जुलाई 2019 में पेटीएम के माध्यम से पांच हजार रुपये भेजे गए थे।
इसके बाद जोधपुर के सैन्य अड्डों की फोटो और वीडियो भेजने के लिए राशिद को कहा गया था। इसके लिए एक लाख रुपये और 15 हजार रुपये महीने खर्च देने की बात कही गई थी। हालांकि इससे पहले ही राशिद गिरफ्तार कर लिया गया।
आईएसआई के एजेंट भारतीय सिम से चला रहे हैं व्हाट्स एप
एटीएस के अनुसार, आईएसआई के दोनों एजेंट्स ने राशिद से दो भारतीय सिम खरीद कर उनका नंबर बताने को कहा। पाकिस्तान में दोनों सिम से व्हाट्स एप सक्रिय कर राशिद से ओटीपी पूछा गया। इसके बाद राशिद को दोनों सिम तोड़ कर फेंक देने को कहा गया। इन्हीं दोनों सिम की मदद से आईएसआई के एजेंट ने हिंदुस्तान में भड़काऊ मेसेज और वीडियो वायरल करने शुरू किए।
व्हाट्स एप ग्रुपों से जुड़े लोग दोनों नंबरों को भारतीय समझते थे, जबकि वह पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे हैं। आईएसआई एजेंट का प्रयास था कि राशिद उन्हें जोधपुर के सैन्य अड्डे की हलचल के साथ ही वाराणसी, चंदौली और अमेठी स्थित सेना व सीआरपीएफ के कैंपों की गतिविधियों के बारे में बताए।
आखिरी बार 13 जनवरी को पाकिस्तान में की बात
आठवीं पास राशिद मां-बाप के तलाक के बाद 15 साल से ननिहाल में रह रहा था। हाल के महीनों में उसने लंका स्थित मेडिकल स्टोर में काम किया। इसके बाद औरंगाबाद में ग्लोशाइन बोर्ड लगाने का काम कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, आखिरी बार राशिद ने बीती 13 जनवरी को पाकिस्तान में बातचीत की थी। उसके मोबाइल के डेटा को रिस्टोर कर जरूरी जानकारियां जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।
सीएए और एनआरसी के विरोध के वीडियो भेजे पाकिस्तान
राशिद ने अपने मोबाइल से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन के वीडियो भी आईएसआई को भेजे। पूछताछ में उसने बताया कि बनारस में बीएचयू के छात्रों और लखनऊ में हुए विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो उसने पाकिस्तान भेजे थे।
इसे लेकर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां भी हैरत में हैं। एजेंसियां यह पता लगाने में जुट गई हैं कि कहीं सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन की आड़ में आईएसआई किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में तो नहीं है।
पाकिस्तान और बांग्लादेश बात करने वालों के नंबर रडार पर
राशिद की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश बातचीत करने वाले लोग शीर्ष सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं। अनौपचारिक बातचीत में एक अफसर ने कहा कि मौसी के यहां आने-जाने के दौरान एक युवक राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होकर आईएसआई के लिए सूचनाएं भेजने लगा। इसलिए अतिरिक्त सतर्कता बरतना जरूरी है और जरूरत पड़ी तो जिस किसी की भी बातचीत या गतिविधि संदिग्ध प्रतीत होगी, उससे पूछताछ की जाएगी।